यदि किसी चालक में 1 एंपियर की धारा को 1 सेकेंड तक प्रवाहित किया जाता है। तो चालक पर आवेश 1 कूलाम होगा अर्थात
\footnotesize \boxed { q = it }
आवेश का मात्रक कूलाम अथवा एंपियर-सेकंड होता है आवेश दो प्रकार के होते हैं।
1. धनात्मक आवेश
2. ऋणात्मक आवेश
किसी वस्तु के धनात्मक तत्व ऋणात्मक आवेशित होने के लिए केवल इलेक्ट्रॉन ही उत्तरदायी होता है। अर्थात् जब किसी वस्तु से एक इलेक्ट्रॉन निकल जाता है। तो वह वस्तु धनात्मक आवेशित हो जाती है। एवं एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने पर वह वस्तु ऋणात्मक आवेशित हो जाती है। चूंकि इलेक्ट्रॉन पर आवेश ऋणात्मक होता है।
Note – NCERT book में सजातीय और विजातीय आवेश के बारे में भी कुछ वर्णन किया गया है –
वह आवेश जो एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। उन्हें सजातीय आवेश कहते हैं।
तथा वह आवेश जो एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। उन्हें विजातीय आवेश कहते हैं।
अध्यारोपण का सिद्धांत
जब किसी निकाय पर अनेक आवेश उपस्थित होते हैं तो उनमें से किसी एक आवेश पर आरोपित बल शेष आवेशों के कारण अलग-अलग बलों के सदिश योग के बराबर होता है। इसे ही अध्यारोपण का सिद्धांत कहते हैं।
माना किसी निकाय पर q1, q2, q3……..qn आवेश उपस्थित हैं। माना यदि इन आवेशों में से q1 आवेश पर विद्युत बल ज्ञात करना है तो q2, q3……..qn के सापेक्ष q1 आवेश के स्थिति सदिश \overrightarrow{r}_{12} , \overrightarrow{r}_{13} , ……… \overrightarrow{r}_{1n} हैं। तो
q2 आवेश के कारण q1 पर विद्युत बल
\small \overrightarrow{F}_{12} = \large \frac {1}{4πε_o} \large \frac {q_1q_2}{r_{12}^2} \small \widehat{r}_{21}
तथा q3 आवेश के कारण q1 पर विद्युत बल
\small \overrightarrow{F}_{13} = \large \frac {1}{4πε_o} \large \frac {q_1q_2}{r_{13}^2} \small \widehat{r}_{31}
एवं qn आवेश के कारण q1 पर विद्युत बल
\small \overrightarrow{F}_{1n} = \large \frac {1}{4πε_o} \large \frac {q_1q_2}{r_{1n}^2} \small \widehat{r}_{n1}
अब अध्यारोपण के सिद्धांत के अनुसार q2, q3……..qn आवेशों के कारण q1 पर परिणामी विद्युत बल
\small \overrightarrow{F}_1 = \small \overrightarrow{F}_{12} + \small \overrightarrow{F}_{13} + ……… + \small \overrightarrow{F}_{1n}
सभी के मान रखने पर
\footnotesize \boxed { \overrightarrow{F}_1 = \frac {1}{4πε_o} \frac {q_1q_2}{r_{12}^2} \widehat{r}_{21} + \frac {1}{4πε_o} \frac {q_1q_2}{r_{13}^2} \widehat{r}_{31} +............+ \frac {1}{4πε_o} \frac {q_1q_2}{r_{1n}^2} \widehat{r}_{n1} }
आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल
सजातीय तथा विजातीय आवेशों की परिभाषा से हम पढ़ चुके हैं कि दो समान प्रकार के आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। जबकि दो विभिन्न प्रकार के आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। अतः इस प्रकार हमें ज्ञात होता है कि आवेशों के बीच एक बल कार्य करता है। इस बल को विद्युत बल कहते हैं।
विपरीत आवेशों के बीच लगने वाले विद्युत बल को आकर्षण बल कहते हैं।
समान आवेशों के बीच लगने वाले विद्युत बल को प्रतिकर्षण बल कहते हैं।