बायो सेवर्ट का नियम | biot-savart law in Hindi, वेक्टर, गणितीय रूप, सूत्र

बायो सेवर्ट का नियम

जब किसी धारावाही चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तो तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। वैज्ञानिक बायो तथा सेवर्ट बताया, कि किसी धारावाही चालक XY के अतिअल्प अवयव ∆ℓ के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र ∆B का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है।

बायो सेवर्ट का नियम
बायो सेवर्ट का नियम

1. यह चालक में प्रवाहित विद्युत धारा i के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात्
∆B ∝ i
2. यह अतिअल्प अवयव ∆ℓ की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात्
∆B ∝ ∆ℓ
3. यह अतिअल्प अवयव से बिंदु P तक की रेखा तथा अतिअल्प अवयव की लंबाई के बीच बने कोण की ज्या (sine) के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात्
∆B ∝ sinθ
4. यह अतिअल्प अवयव से बिंदु P तक की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्
∆B ∝ \frac{1}{r^2}

अब इन समीकरणों को मिलाने पर
∆B ∝ \large \frac{i × ∆ℓ × sinθ}{r^2}
इस संबंध को बायो सेवर्ट का नियम (Biot savart law in Hindi) कहते हैं।
यदि धारावाही चालक वायु अथवा निर्वात में स्थित है तब बायो सेवर्ट नियम कुछ इस प्रकार लिखा जाएगा।
\footnotesize \boxed { ∆B = \frac{µ_0}{4π} \frac{i∆ℓsinθ}{r^2} }

जहां µ0/4π एक अनुक्रमानुपाती नियतांक है। तथा µ0 को वायु अथवा निर्वात की चुम्बकशीलता कहते हैं। चुम्बकशीलता का मान 4π × 10-7 न्यूटन/एंपियर2 होता है।

बायो सेवर्ट नियम का सदिश स्वरूप

किसी धारावाही चालक पर चुंबकीय क्षेत्र निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है।
∆B ∝ \large \frac{i∆ℓsinθ}{r^2}
सदिश स्वरूप में बायो सेवर्ट नियम
|∆B| = \large \frac{µ_0}{4π} \frac{i \, ∆ℓ × r}{r^3}

पढ़ें… लॉरेंज बल किसे कहते हैं | चुंबकीय बल क्या है, मात्रक, विमीय सूत्र, गुण
पढ़ें… चुंबकशीलता क्या है, सूत्र, विमा, SI मात्रक, निर्वात की विद्युतशीलता में संबंध

यहां सदिश गुणनफल के गुणधर्म का प्रयोग किया गया है। अर्थात् |∆ℓ×r| = ∆ℓ r sinθ
यह × क्रॉस का चिन्ह है न कि गुणा का है।

बायो सेवर्ट नियम संबंधित प्रश्न

Q.1 एक लंबे सीधे तार में 45 एंपियर की विद्युत धारा बह रही है। तो तार से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर स्थित किसी बिंदु P पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण ज्ञात कीजिए?

हल – दिया है – विद्युत धारा i = 45 एंपियर
दूरी r = 30 सेमी = 0.30 मीटर
सूत्र B = \large \frac{µ_0i}{2πr}
µ0 × \large \frac{i}{2πr}
चूंकि हम जानते हैं कि µ0 का मान 4π × 10-7 होता है तो
मान रखने पर चुंबकीय क्षेत्र
B = µ0 × \large \frac{i}{2πr}
B = 4π × 10-7 \frac{45}{2π ×0.30}
हल करने पर
चुंबकीय क्षेत्र B = 3.0 × 10-5 टेस्ला


शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *