बोर का परमाणु मॉडल
डैनिश भौतिकी वैज्ञानिक नील बोर ने रदरफोर्ड परमाणु मॉडल में प्लांक के क्वांटम सिद्धांत को लगाकर उसकी कमियों को दूर किया, तथा एक नया मॉडल प्रस्तुत किया। जिसे बोर का परमाणु मॉडल (bohr atomic model in hindi) कहते हैं।
इसके लिए नील बोर ने तीन परिकल्पनाएं (अभिगृहीत) दीं।
Note – कहीं कहीं किसी किताब में परिकल्पनाएं का प्रयोग किया गया है। तो कहीं कहीं पर अभिगृहीत शब्द का प्रयोग किया गया है। दोनों का मतलब एक ही है। इसलिए आप कंफ्यूज मत होना।
बोर के परमाणु मॉडल की अभिगृहीत (परिकल्पनाएं)
1. इलेक्ट्रॉन केवल उन्हीं कक्षाओं में घूर्णन करते हैं जिनका कोणीय संवेग {h}{2π} का पूर्ण गुणज होता है।
यदि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान m हो तथा यह इलेक्ट्रॉन r त्रिज्या की कक्षा में, v वेग से घूम रहा हो तब इस इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग mvr होगा। तब बोर की प्रथम परिकल्पना के अनुसार
\footnotesize \boxed { m v r = \frac{nh}{2π} }
जहां h प्लांक नियतांक है जिसका मान 6.6 × 10-34 जूल-सेकंड होता है। तथा n एक पूर्णांक है जिसे मुख्य क्वांटम संख्या कहते हैं।
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2. नाभिक के चारों ओर अनेक वृत्तीय कक्षाएं होती हैं लेकिन इलेक्ट्रॉन केवल निश्चित त्रिज्याओं वाली कक्षाओं में ही घूम सकते हैं। इन कक्षाओं को स्थायी कक्षा कहते हैं।
किसी भी स्थायी कक्षा में घूर्णन करते हुए इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करते, क्योंकि उनमें अभिकेंद्र त्वरण होता है। जिसके फलस्वरूप परमाणु का स्थायित्व बना रहता है।
3. जब किसी परमाणु को किसी कारण बाहर से कोई ऊर्जा मिलती है। तो उस परमाणु का कोई इलेक्ट्रॉन अपनी निश्चित कक्षा छोड़कर किसी ऊंची कक्षा में चला जाता है। परमाणु की इस अवस्था को उत्तेजित अवस्था कहते हैं। चित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है। लेकिन इलेक्ट्रॉन यहां केवल 10-8 सेकंड ही ठहरता है एवं तुरंत ही अपनी निचली कक्षा में वापस लौटता है। तथा लौटते समय ऊर्जा को विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में उत्सर्जित करता है।

माना निचली कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E1 तथा ऊंची कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E2 है यदि उत्सर्जित तरंगों की आवृत्ति v है। तो
hv = E2 – E1
या \footnotesize \boxed { v = \frac{E_2 - E_1}{h} }
इस समीकरण को बोर का आवृत्ति प्रतिबंध कहते हैं।
\footnotesize \boxed { r_1 = \frac{h^2 ɛ_o}{π m e^2} }
इसे बोर त्रिज्या कहते हैं। इसका मान 0.53 Å होता है।
यह हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम कक्षा की त्रिज्या है।
बोर के परमाणु मॉडल के दोष
बोर के परमाणु मॉडल में कुछ कमियां पायी गई। जिनको निम्न प्रकार से दर्शाया गया है।
1. बोर का परमाणु मॉडल स्पेक्ट्रम रेखाओं की व्याख्या नहीं कर सका।
2. बोर का परमाणु मॉडल जेमान प्रभाव की व्याख्या करने में असफल रहा।