ब्रूस्टर का नियम
फ्रांसीसी वैज्ञानिक मैलस ने यह ज्ञात किया कि जब अध्रुवित प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम के पृष्ठ पर परावर्तित होता है तो यह अध्रुवित प्रकाश आंशिक रूप से समतल ध्रुवित हो जाता है।
ब्रूस्टर ने अध्ययन द्वारा यह बताया कि परावर्तित प्रकाश में ध्रुवित प्रकाश की मात्रा, आपतन कोण पर निर्भर करती है। तथा एक विशेष आपतन कोण के लिए परावर्तित प्रकाश पूर्ण रूप से समतल ध्रुवित प्रकाश होता है। एवं इसके कंपन आपतन तल के लंबवत् होते हैं। इस आपतन कोण को ध्रुवण कोण कहते हैं। तथा इसे ip द्वारा निरूपित किया जाता है।
पारदर्शी माध्यम के अपवर्तनांक n तथा ध्रुवण कोण ip निम्न प्रकार से संबंधित होते हैं।
\footnotesize \boxed { n = tani_p }
इस संबंध को ब्रूस्टर का नियम (Brewster law in Hindi) कहते हैं।
वायु कांच के लिए ब्रूस्टर कोण का मान 57° होता है।

ब्रूस्टर के नियम से यह भी निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परावर्तित तथा अपवर्तित किरणें परस्पर लंबवत होती हैं।
आइए इसे निम्न प्रकार से सिद्ध करते हैं।
माना XX’ कांच का एक पृष्ठ है जिस पर AB आपतित किरण तथा BC परावर्तित किरण और BD अपवर्तित किरण है। पृष्ठ पर आपतन कोण ip तथा अपवर्तन कोण r है।
तब स्नेल के नियम से
n = \frac{sin i_p}{sin r} समीकरण(1)
जहां n वायु के सापेक्ष कांच का अपवर्तनांक है।
बूस्टर के नियम से
n = tanip या \frac{sin i_p}{cos i_p} समीकरण(2)
अब दोनों समीकरणों की तुलना करने पर
n = \frac{sin i_p}{sin r} = \frac{sin i_p}{cos i_p}
तथा sinr = cosip
या sinr = cos(90° – ip)
त्रिकोणमितीय सूत्र sin(90° – θ) = cosθ से
sinr = sinip
दोनों ओर समीकरणों की तुलना करने पर
r = 90° – ip
या \footnotesize \boxed { r + i_p = 90° }
इस इस समीकरण द्वारा स्पष्ट होता है कि परावर्तित तथा अपवर्तित किरणें परस्पर लंबवत् हैं।
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Note – इसके अंतर्गत दो प्रकार से प्रश्न बनते हैं।
1. बूस्टर का नियम क्या है इसका सूत्र स्थापित कीजिए?
2. सिद्ध कीजिए अपवर्तित तथा परावर्तित किरणें परस्पर लंबवत् होती हैं।
अगर केवल सिद्ध कीजिए अपवर्तित तथा परावर्तित किरणें परस्पर लंबवत् होती हैं। इस प्रकार से प्रश्न आता है तो केवल यही करना इसके अंतर्गत बूस्टर का नियम मत करना अगर दीर्घ (Long) प्रश्न में पूछा जाता है तो बूस्टर का नियम भी कर देना अन्यथा नहीं करना।