पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र | भू-चुंबकत्व | चुंबकीय ध्रुव, अक्ष और निरक्ष

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता इसकी सतह पर, विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होती है। इसका मान लगभग 10-5 टेस्ला की कोटि का होता है।
पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इसके अंदर रखे एक विशाल चुंबक के कारण होता है। जो लगभग पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के अनुदिश होता है। अर्थात् पृथ्वी इस प्रकार व्यवहार करती है। जैसे इसके अंदर बहुत गहराई पर एक विशाल शक्तिशाली चुंबक रखी है। जिसका उत्तरी ध्रुव, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के दक्षिण ध्रुव की ओर तथा चुंबक का दक्षिणी ध्रुव हमारी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Earth magnetic field in Hindi) के उत्तरी ध्रुव की ओर है।
इसकी पुष्टि हम निम्न बिंदुओं के आधार पर कर सकते हैं।

1. यदि किसी चुंबकीय सुई को इस प्रकार लटका दिया जाए, कि वह चुंबकीय सुई क्षैतिज तल पर घूमने के लिए स्वतंत्र रहे। तब इस चुंबकीय सुई का उत्तरी ध्रुव, पृथ्वी के भौगोलिक उत्तरी ध्रुव की ओर तथा चुंबकीय सुई का दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव (दक्षिण दिशा) की ओर आकर चुंबकीय सुई रूक जाती है। अर्थात् स्वतंत्रतापूर्वक लटकी चुंबकीय सुई हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा में ही आकर ठहर जाती है। इसका कारण पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र है।

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र

2. वह ध्रुव जो पृथ्वी के भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के निकट होता है। उसे उत्तरी चुंबकीय ध्रुव कहते हैं। तथा इसी प्रकार वह ध्रुव जो पृथ्वी के भौगोलिक दक्षिण ध्रुव के निकट स्थित होता है उसे दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव कहते हैं।

एकसमान चुंबकीय क्षेत्र

किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें वह चुंबक किसी बल का अनुभव करती है। चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है। चुंबकीय क्षेत्र का वह स्थान जहां पर चुंबकीय बल रेखाएं एक-दूसरे के समांतर तथा समदूरस्थ होती हैं। इस स्थान को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र कहते हैं। इसे सीधी लाइनों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

भू चुंबकत्व

भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पृथ्वी के चुंबकत्व का अध्ययन किया जाता है उसे भू चुंबकत्व कहते हैं।

चुंबकीय अक्ष

पृथ्वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव एवं चुंबकीय दक्षिणी ध्रुवों को मिलाने वाली रेखा को पृथ्वी की चुंबकीय अक्ष कहते हैं।
पृथ्वी की चुंबकीय अक्ष अपनी भौगोलिक अक्ष से 11.3° का कोण पर झूकी हुई है।

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चुंबकीय निरक्ष

वह स्थान जिन पर चुंबकीय सुई पृथ्वी के तल के समांतर हो जाती है। तब उन स्थानों से गुजरने वाली तथा पृथ्वी के ध्रुवों को मिलाने वाली रेखा के लंबवत तल पृथ्वी की गोलीय सतह को एक वृत्त के रूप में विभाजित करता है इस वृत्त को पृथ्वी की चुंबकीय निरक्ष कहते हैं। चित्र द्वारा प्रदर्शित किया गया है।


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