विद्युत द्विध्रुव क्या है, SI मात्रक, सूत्र एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित द्विध्रुव, आघूर्ण

प्रस्तुत अध्याय के अंतर्गत हम विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा और इसके आघूर्ण तथा विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय और निरक्षीय दोनों स्थितियों पर चर्चा करेंगे। तथा एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाला बल युग्म के गुण का व्यंजक भी प्राप्त करेंगे।

विद्युत द्विध्रुव

वह निकाय, जिसमें दो बराबर परन्तु विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर स्थित होते हैं। उस निकाय को विद्युत द्विध्रुव (Electric dipole in Hindi) कहते हैं।

विद्युत द्विध्रुव क्या है
विद्युत द्विध्रुव

किसी एक (+q या -q) आवेश तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी 2ℓ के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को p से प्रदर्शित करते हैं। तो
विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण p = आवेश × दोनों आवेशों के बीच की दूरी
p = q × 2ℓ
\footnotesize \boxed { p = 2qℓ }

यह एक सदिश राशि है। विद्युत द्विध्रुव का SI मात्रक कूलाम-मीटर होता है। तथा इसका विमीय सूत्र [LTA] होता है। इसकी दिशा ऋणात्मक आवेश (-q) से धनात्मक आवेश (+q) की ओर होती है।

Note – विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दोनों स्थितियों अर्थात् अक्षीय और निरक्षीय दोनों स्थितियों को हमने एक अलग लेख में तैयार किया है ताकि आपको आसानी से समझाया जा सके।
पढ़ें… विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की अक्षीय स्थिति और निरक्षीय स्थिति class 12

एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव

Note – इसे एक समान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाले बल युग्म का आघूर्ण भी कहते हैं। लेकिन एनसीईआरटी बुक में इसे एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव कहा है इसलिए हमने यहां पर भी इसी नाम का प्रयोग किया है। इसलिए आप इन दोनों के नाम में कंफ्यूज न होना दोनों एक जैसे ही हैं।

एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव
एक समान बाह्य क्षेत्र में द्विध्रुव

एक समान विद्युत क्षेत्र E में एक विद्युत द्विध्रुव XY क्षेत्र से कोण बनाते हुए रखा गया है। तो द्विध्रुव के +q आवेश पर एक बल F विद्युत क्षेत्र की दिशा में तथा -q आवेश पर उतना ही बल F विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में आरोपित होता है। जिस कारण यह एक बल युग्म बनाते हैं। यह बल युग्म द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र के समांतर लाने का प्रयत्न करते हैं। अतः इसे प्रत्यानयन बल कहते हैं। एवं इस प्रत्यानयन बल को τ (टो) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। अतः इसका बल आघूर्ण

पढ़ें… कूलाम का नियम, सूत्र, मात्रक, विमा, विशेषताएं क्या है | coulomb’s law in Hindi class 12

τ = बल × लंबवत दूरी
τ = F × 2ℓsinθ
τ = qE × 2ℓsinθ
F = qE प्रयुक्त करने पर बल आघूर्ण
τ = 2qℓ × sinθ
चूंकि विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण p = 2qℓ होता है तो
\footnotesize \boxed { τ = pEsinθ }

जब विद्युत द्विध्रुव, विद्युत क्षेत्र के लंबवत होता है तो विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाला बल आघूर्ण अधिकतम होता है। अतः
लंबवत पर θ = 90° तब sin90° = 1
तो τ = pE ×1
\footnotesize \boxed { τ_{max} = pE }

Note – सभी छात्र ध्यान दें कि इस लेख के अंतर्गत हमने तीन महत्वपूर्ण और बड़े टॉपिकों को समझाया है। इन तीनों में से किसी एक के आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। और यह वार्षिक परीक्षाओं में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न यानी 4 से 6 नंबर के बीच के प्रश्नों में आते हैं इसलिए आप इन्हें जरूर याद करें।
इनकी थ्योरी याद करने की आपको जरूरत नहीं है आप इनके चित्र को समझे, क्योंकि थ्योरी सारी चित्र से ही बनाई गई है।

विद्युत द्विध्रुव संबंधित प्रश्न उत्तर

Q.1 विद्युत द्विध्रुव का SI मात्रक क्या है?

Ans. कूलाम-मीटर

Q.2 विद्युत द्विध्रुव का विमीय सूत्र क्या है?

Ans. [LTA]

Q.3 विद्युत द्विध्रुव का सूत्र क्या है?

Ans. p = 2qℓ


शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *