विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव
विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव को ज्ञात करने की दो स्थितियां है।
1. अक्षीय स्थिति
2. निरक्षीय स्थिति
Note – छात्र ध्यान दें, NCERT Book में इन दोनों स्थितियों के कुछ अलग है। जैसे अक्षीय स्थिति का नाम “ विद्युत द्विध्रुव के अक्ष पर विभव ” है। एवं निरक्षीय स्थिति का नाम “विद्युत द्विध्रुव के निरक्ष पर विभव” है।
विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की अक्षीय स्थिति
माना एक विद्युत द्विध्रुव XY है। जो k परावैघुतांक वाले माध्यम में स्थित है। अक्षीय स्थिति में विद्युत द्विध्रुव के मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P लेते हैं। जिस बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करना है।

बिंदु P पर +q आवेश के कारण विद्युत विभव
V1 = \large \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{r - ℓ}
तथा बिंदु P पर -q आवेश के कारण विद्युत विभव
V2 = \large \frac{1}{4πε_ok} \frac{-q}{r + ℓ}
पढ़ें… विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की अक्षीय स्थिति और निरक्षीय स्थिति class 12
पढ़ें… आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा | निकाय के कारण विद्युत विभव
माना परिणामी विभव V है तो
V = V1 + V2
V1 व V2 के मान रखने पर
V = \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{r - ℓ} + \left[ \frac{1}{4πε_ok} \frac{-q}{r + ℓ} \right]
V = \frac{q}{4πε_ok} \left[ \frac{1}{r - ℓ} - \frac{1}{r + ℓ} \right]
V = \frac{q}{4πε_ok} \left[ \frac{r + ℓ - r + ℓ}{(r - ℓ)(r + ℓ)} \right]
V = \frac{q}{4πε_ok} \left[ \frac{2ℓ}{r^2 - ℓ^2} \right]
चूंकि ℓ < r इसलिए ℓ2 < r2
अतः ℓ2 को नगण्य मानने पर
V = \frac{2qℓ}{4πε_ok} \frac{1}{r^2}
विद्युत द्विध्रुव के सूत्र p = 2qℓ से
\footnotesize \boxed { V = \frac{1}{4πε_ok} \frac{p}{r^2} } वोल्ट
वायु या निर्वात के लिए k = 1 तो
\footnotesize \boxed { V = \frac{1}{4πε_o} \frac{p}{r^2} }
यही विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की अक्षीय स्थिति का सूत्र है।
Note – इससे संबंधित वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न कुछ इस प्रकार पूछे जाते हैं।
Q.1 विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की अक्षीय स्थिति के व्यंजन का निगमन कीजिए?
Q.2 विद्युत द्विध्रुव की अक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर विद्युत विभव का सूत्र स्थापित कीजिए?
विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की निरक्षीय स्थिति
माना एक विद्युत द्विध्रुव XY है। जो k परावैघुतांक वाले माध्यम में स्थित है। निरक्षीय स्थिति में विद्युत द्विध्रुव के मध्य बिंदु O से r दूरी पर एक बिंदु P लेते हैं। जिस बिंदु पर विद्युत विभव ज्ञात करना है।

बिंदु P पर +q आवेश के कारण विद्युत विभव
V1 = \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}}
तथा बिंदु P पर -q आवेश के कारण विद्युत विभव
V2 = \frac{1}{4πε_ok} \frac{-q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}}
माना परिणामी विभव V है तो
V = V1 + V2
V1 व V2 के मान रखने पर
V = \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}} + \frac{1}{4πε_ok} \frac{-q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}}
V = \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}} – \frac{1}{4πε_ok} \frac{q}{\sqrt{r^2 + ℓ^2}}
\footnotesize \boxed { V = 0 }
अतः निरक्ष पर विद्युत विभव शून्य होता है।
इससे संबंधित वार्षिक परीक्षाओं में प्रशन कुछ इस प्रकार पूछे जाते हैं।
Q.1 विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की निरक्षीय स्थिति के व्यंजन का निगमन कीजिए?
Q.2 सिद्ध कीजिए कि विद्युत द्विध्रुव के निरक्ष पर विद्युत विभव का मान शून्य होता है?
Note – विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की दो स्थितियां हैं।
एवं विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव की भी दो स्थितियां हैं।
अर्थात यह चार स्थितियां हो जाती हैं जिनमें से किसी एक स्थिति या दो स्थितियों की वार्षिक परीक्षा में आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसलिए आप सभी छात्र इन स्थितियों को अच्छे से समझें और लिखकर अभ्यास करें चित्र को ध्यान में जरूर रखें।