सेल का विद्युत वाहक बल, आंतरिक प्रतिरोध तथा टर्मिनल विभवांतर क्या है, मान, मात्रक, सूत्र

विद्युत सेल

एक ऐसी युक्ति जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है तथा परिपथ में आवेश के प्रवाह को निरंतर बनाए रखती है। इस प्रकार की युक्ति को विद्युत सेल कहते हैं।
विद्युत सेल में विभिन्न प्रकार की धातुओं की दो छड़ी होती हैं। जिन्हें इलेक्ट्रोड या प्लेटें कहते हैं। यह एक प्रकार के द्रव में डूबी होती हैं इस द्रव को विद्युत अपघट्य कहते हैं।

विद्युत वाहक बल

एकांक आवेश को सेल सहित परिपथ में प्रवाहित करने में सेल द्वारा दी गई ऊर्जा को सेल का विद्युत वाहक बल कहते हैं। विद्युत वाहक बल को E से प्रदर्शित करते हैं।
माना किसी परिपथ में q आवेश प्रवाहित करने पर सेल द्वारा दी गई ऊर्जा W है तो सेल का विद्युत वाहक बल
\footnotesize \boxed { E = \frac{W}{q} }
विद्युत वाहक बल का मात्रक जूल/कूलाम अथवा वोल्ट होता है।

टर्मिनल विभवान्तर

माना किसी परिपथ में q आवेश प्रवाहित करने पर सेल द्वारा दी गई ऊर्जा W है तथा सेल का विद्युत वाहक बल E है तो
E = \frac{W}{q}

टर्मिनल विभवांतर

माना परिपथ की कुल ऊर्जा W है तथा परिपथ के विभिन्न भागों में व्यय होने वाली ऊर्जाएं क्रमशः W1, W2 तथा W3 हैं तो विद्युत वाहक बल
E = \frac{W}{q}
E = \frac{W_1 + W_2 + W_3 + .....}{q}
E = \frac{W_1}{q} + \frac{W_2}{q} + \frac{W_3}{q} ......
चूंकि विभवांतर के सूत्र V = \frac{W}{q} से
\footnotesize \boxed { E = V_1 + V_2 + V_3 + ......... }
यहां V1, V2, V3….. को परिपथ के भिन्न-भिन्न भागों के लिए टर्मिनल विभवांतर कहते हैं। टर्मिनल विभवांतर को वोल्टमीटर में मापा जाता है।

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आन्तरिक प्रतिरोध

बंद परिपथ में सेल द्वारा विद्युत धारा भेजने पर सेल के अंदर घोल द्वारा विद्युत धारा के मार्ग में अवरोध लगाता है। इस अवरोध को सेल का आंतरिक प्रतिरोध कहते हैं। इसे r से प्रदर्शित करते हैं।
सेल का आंतरिक प्रतिरोध निम्न बातों पर निर्भर करता है।
1. यह सेल की प्लेटों के बीच की दूरी के अनुक्रमानुपाती होता है।
2. यह घोल में डूबे हुए प्लेटों के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
3. यह विद्युत अपघटन की सांद्रता के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात् सांद्रता बढ़ने पर आंतरिक प्रतिरोध का मान बढ़ जाता है।

Note –
\footnotesize \boxed { r = R \left(\frac{E}{V} - 1 \right) }
जहां r = सेल का आंतरिक प्रतिरोध
R = प्रतिरोध
E = सेल का विद्युत वाहक बल
V = टर्मिनल विभवांतर है

यह सूत्र सेल के टर्मिनल विभवान्तर, विद्युत वाहक बल तथा आंतरिक प्रतिरोध में सम्बन्ध का सूत्र है।

1. \footnotesize \boxed { E = V - ir }
2. \footnotesize \boxed { E = V + ir }
यह दोनों से सूत्र महत्वपूर्ण है इनसे संबंधित परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं।

विद्युत वाहक बल तथा विभवांतर में अंतर

  1. एकांक आवेश को सेल सहित परिपथ में प्रवाहित करने पर सेल द्वारा दी गई ऊर्जा को सेल का विद्युत वाहक बल कहते हैं जबकि सेल द्वारा बाह्य परिपथ में एकांक आवेश को प्रवाहित करने में किए गए कार्य को उसके सिरों के बीच विभवांतर कहते हैं।
  2. विद्युत वाहक बल का मान एक सेल के लिए स्थिर रहता है जबकि विभवांतर का मान सेल से अधिक धारा लेने पर घटता जाता है।

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