गौस की प्रमेय
स्थिर विद्युतकी में गौस की प्रमेय के अनुसार, किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स उस पृष्ठ पर उपस्थित कुल आवेश का \frac{1}{ε_o} गुना होता है।
यदि किसी बंद पृष्ठ A पर आवेश q है तथा इस पर कुल विद्युत फ्लक्स ΦE हो तो
\footnotesize \boxed { Φ_E = \frac{q}{ε_o} }
यह गौस की प्रमेय का सूत्र है। जहां εo वायु अथवा निर्वात की विद्युतशीलता है। इसका मान 8.85 × 10-12 C2/N-m2 होता है।
समाकलन रूप में गौस की प्रमेय का सूत्र
\footnotesize \boxed { Φ_E = \oint \overrightarrow{E} · d\overrightarrow{A} }
Note – गौस की प्रमेय की उत्पत्ति को समझने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाओं को समझना होगा ताकि हम उस उत्पत्ति को आसानी से समझ सके। महत्वपूर्ण परिभाषाएं –
1. गाउसीय पृष्ठ – यह एक काल्पनिक पृष्ठ होता है। गाउसीय पृष्ठ का प्रयोग गौस की प्रमेय में बंद पृष्ठ के रूप में किया जाता है।
2. घनकोण – किसी गोलीय पृष्ठ का क्षेत्रफल गोले के केंद्र पर जो कोण अंतरित करता है। उसे घनकोण कहते हैं। इसे ω (ओमेगा) से प्रदर्शित करते हैं।
घनकोण (ω) = \large \frac {गोले\,का\,क्षेत्रफल}{(त्रिज्या)^2}
ω = \large \frac {4πr^2}{r^2}
ω = 4π स्टेरेडियन
घन कोण का मात्रक स्टीरेडियन होता है एवं इसका सूत्र जो गौस की प्रमेय में प्रयोग होता है वह नीचे दिया गया है।
dω = \large \frac {dAcosθ}{r^2}
गौस की प्रमेय की उत्पत्ति

माना A क्षेत्रफल वाले बंद पृष्ठ के भीतर एक बिंदु आवेश +q बिंदु O पर स्थित है। चित्र में पृष्ठ पर स्थित बिंदु P की O से दूरी r है। बिंदु P के चारों ओर एक अल्प क्षेत्रफल dA लेते हैं। तब इससे गुजरने वाला विद्युत फ्लस्क
dΦE = \small \oint \overrightarrow{E} · \overrightarrow{dA}
dΦE = EdA cosθ
बिंदु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से E का मान रखने पर
dΦE = (\frac{1}{4πε_o} \frac{q}{r^2}) dAcosθ
dΦE = \frac{q}{4πε_o} (\frac{dAcosθ}{r^2})
घन कोण की परिभाषा से हमने एक सूत्र के बारे में पढ़ा था। उस सूत्र से dω का मान रखने पर
dΦE = \frac{q}{4πε_o} (dω)
अतः सम्पूर्ण पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लस्क
ΦE = \oint \frac{q}{4πε_o} (dω)
ΦE = \frac {q}{4πε_o} \oint dω
चूंकि ω = 4π होता है तो
ΦE = \frac {q}{4πε_o} × 4π
\footnotesize \boxed { Φ_E = \frac {q}{ε_o} }
यही गौस की प्रमेय का सूत्र है। अतः इस प्रकार गौस की प्रमेय को सिद्ध किया जाता है।
पढ़ें… गौस की प्रमेय के अनुप्रयोग
गौस की प्रमेय की सहायता से कूलाम का नियम
माना बिंदु O पर एक आवेश बिंदु +q स्थित है। जिसको केंद्र मानकर r त्रिज्या का एक गाउसीय पृष्ठ खींचते हैं इस गाउसीय पृष्ठ पर एक सूक्ष्म क्षेत्रफल अवयव dA लेते हैं। जिस पर क्षेत्रफल सदिश dĀ भी विद्युत क्षेत्र Ē की दिशा में होगा अर्थात दोनों की दिशाएं समान होंगी। चित्र से स्पष्ट है।

तो इस क्षेत्रफल अवयव से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
dΦE = \small \overrightarrow{E} · \overrightarrow{dA}
dΦE = EdA cosθ
dΦE = EdA cos0°
dΦE = EdA
इसलिए पूरे गाउसीय पृष्ठ से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
dΦE = \oint \overrightarrow{E} · \overrightarrow{dA}
dΦE = \oint EdA
dΦE = E \oint dA
dΦE= E × 4πr2 समीकरण (1)
गौस की प्रमेय से
ΦE = \frac{q}{ε_o} समीकरण (2)
अतः समीकरण (1) से ΦE का मान समीकरण (2) में रखने पर
E × 4πr2 = \frac{q}{ε_o}
E = \frac{1}{4πε_o} \frac{q}{r^2} समीकरण (3)
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सूत्र
E = \frac{F}{q_o} से
अतः समीकरण (3) का मान उपरोक्त समीकरण में रखने पर
\frac{F}{q_o} = \frac{1}{4πε_o} \frac{q}{r^2}
\footnotesize \boxed { F = \frac{1}{4πε_o} \frac{qq_o}{r^2} }
यही कूलाम का नियम है अतः इस प्रकार गौस की प्रमेय की सहायता से कूलाम का नियम सिद्ध किया जाता है।
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