भारतीय क्रिकेट टीम में उपकप्तान का चयन हमेशा एक दिलचस्प और चर्चित विषय रहा है। हाल ही में, इस मुद्दे पर गौतम गंभीर की राय और रोहित शर्मा-अजित अगरकर की चाल ने क्रिकेट फैंस के बीच हलचल मचा दी। गंभीर चाहते थे कि हार्दिक पंड्या टीम के उपकप्तान बनें, लेकिन हालात कुछ ऐसे बने कि शुभमन गिल को यह जिम्मेदारी दी गई। इस फैसले के पीछे की राजनीति और व्यक्तिगत मतभेदों की कहानी क्रिकेट के फैंस में चर्चा का विषय बन गई है।

 

हार्दिक बनने वाले थे उपकप्तान

Hardik Pandya

गौतम गंभीर, जो भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच हैं, का मानना था कि हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को उपकप्तान बनाना एक सही फैसला होता। हार्दिक ने अपनी कप्तानी में गुजरात टाइटंस को आईपीएल चैंपियन बनाया और अपनी आक्रामक सोच से टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। गंभीर का मानना था कि हार्दिक की कप्तानी के अनुभव और उनके नेतृत्व के गुण टीम इंडिया को फायदा पहुंचा सकते हैं।

लेकिन इस फैसले में रोहित शर्मा और चीफ सिलेक्टर अजित अगरकर का दखल हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित और हार्दिक के बीच एक छोटा सा विवाद तब हुआ जब आईपीएल के दौरान हार्दिक ने रोहित से उनकी कैप ले ली थी। यह वाकया भले ही मामूली हो, लेकिन रोहित ने इसे व्यक्तिगत रूप से लिया। इसके बाद, रोहित और अगरकर ने मिलकर शुभमन गिल को उपकप्तान बनाने का फैसला किया।

 

गिल को चुनने के पीछे की वजह

Shubman Gill

शुभमन गिल को उपकप्तान बनाए जाने का निर्णय रोहित और अगरकर की रणनीतिक चाल मानी जा रही है। गिल युवा हैं और भविष्य में टीम इंडिया के कप्तान बनने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, इस फैसले से हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के समर्थकों में निराशा है।

यह घटना बताती है कि क्रिकेट में सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि राजनीति और व्यक्तिगत मतभेद भी अहम भूमिका निभाते हैं। अब देखना होगा कि यह फैसला टीम इंडिया के प्रदर्शन पर क्या प्रभाव डालता है।

 

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