हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम क्या है बामर, लाइमन, पाश्चन श्रेणी किसे कहते हैं व्याख्या

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम

हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम की अध्ययन बामर ने किया था। तथा यह बताया कि इस स्पेक्ट्रम में काली पृष्ठभूमि पर बहुत सी अलग-अलग चमकीली रेखाएं होती है। इस स्पेक्ट्रम के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चलने पर इन रेखाओं की चमक तथा उनके बीच की दूरी लगाकर घटती जाती है। अतः इस प्रकार यह रेखाएं एक श्रेणी का भाग हैं। जिसे बामर श्रेणी कहते हैं।

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की श्रेणी

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की निम्न श्रेणियां, विभिन्न भागों में होती हैं। जैसे लाइमन श्रेणी पराबैगनी भाग में, बामर श्रेणी दृश्य भाग में, पाश्चन, ब्रैकेट और फुण्ड श्रेणी अवरक्त भाग में प्राप्त होती है।

हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम

1. लाइमन श्रेणी

जब किसी उच्च ऊर्जा स्तर से हाइड्रोजन परमाणु प्रथम ऊर्जा स्तर (या निम्नतम ऊर्जा स्तर) में आता है। तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम की रेखाएं विकिरण के पराबैगनी भाग में प्राप्त होती हैं। इस श्रेणी की रेखाओं की तरंगदैर्ध्य निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की जा सकती हैं।

\footnotesize \boxed { \frac{1}{λ} = R \left[\frac{1}{1^2} - \frac{1}{n^2} \right] }
जहां n = 2, 3, 4,……
लाइमन श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य (अर्थात n = 2 के लिए) 1216 Å होती है। तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (n = ∞ के लिए) 912 Å प्राप्त होती है।

पढ़ें…. रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या है दोष, तथ्य का सचित्र वर्णन लिखिए
पढ़ें…. परमाणु नोट्स | Physics class 12 chapter 12 notes in Hindi

2. बामर श्रेणी

जब किसी उच्च ऊर्जा स्तर से हाइड्रोजन परमाणु दूसरे ऊर्जा स्तर में आता है। तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम की रेखाएं विकिरण के दृश्य भाग में प्राप्त होती हैं। इस श्रेणी की रेखाओं की तरंगदैर्ध्य निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की जा सकती हैं।

\footnotesize \boxed { \frac{1}{λ} = R \left[\frac{1}{2^2} - \frac{1}{n^2} \right] }
जहां n = 3, 4, 5,……
बामर श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य (अर्थात n = 3 के लिए) 6563 Å होती है। तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (n = ∞ के लिए) 3646 Å प्राप्त होती है।

3. पाश्चन श्रेणी

जब किसी उच्च ऊर्जा स्तर से हाइड्रोजन परमाणु तीसरे ऊर्जा स्तर में आता है। तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम की रेखाएं विकिरण के अवरक्त भाग में प्राप्त होती हैं। इस श्रेणी की रेखाओं की तरंगदैर्ध्य निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की जा सकती हैं।

\footnotesize \boxed { \frac{1}{λ} = R \left[\frac{1}{3^2} - \frac{1}{n^2} \right] }
जहां n = 4, 5, 6,……
बामर श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य (अर्थात n = 4 के लिए) 18735 Å होती है। तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (n = ∞ के लिए) 8196 Å प्राप्त होती है।

4. ब्रैकेट श्रेणी

जब किसी उच्च ऊर्जा स्तर से हाइड्रोजन परमाणु चौथे ऊर्जा स्तर में आता है। तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम की रेखाएं विकिरण के अवरक्त भाग में प्राप्त होती हैं। इस श्रेणी की रेखाओं की तरंगदैर्ध्य निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की जा सकती हैं।

\footnotesize \boxed { \frac{1}{λ} = R \left[\frac{1}{4^2} - \frac{1}{n^2} \right] }
जहां n = 5, 6, 7,……
बामर श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य (अर्थात n = 5 के लिए) 40500 Å होती है। तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (n = ∞ के लिए) 14516 Å प्राप्त होती है।

5. फुण्ड श्रेणी

जब किसी उच्च ऊर्जा स्तर से हाइड्रोजन परमाणु पांचवें ऊर्जा स्तर में आता है। तो उत्सर्जित स्पेक्ट्रम की रेखाएं विकिरण के अवरक्त भाग में प्राप्त होती हैं। इस श्रेणी की रेखाओं की तरंगदैर्ध्य निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की जा सकती हैं।

\footnotesize \boxed { \frac{1}{λ} = R \left[\frac{1}{5^2} - \frac{1}{n^2} \right] }
जहां n = 6, 7, 8,……
बामर श्रेणी की सबसे बड़ी तरंगदैर्ध्य (अर्थात n = 6 के लिए) 74580 Å होती है। तथा सबसे छोटी तरंगदैर्ध्य (n = ∞ के लिए) 22789 Å प्राप्त होती है।

Note –
1. हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा 13.6 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (eV) होती है।
2. ऊपर सूत्रों में जो R का प्रयोग किया गया है। इसे रिडबर्ग नियतांक कहते हैं। इसका मान 1.097 × 107 मीटर-1 होता है। तरंगदैर्ध्य ज्ञात करने में इस मान का प्रयोग किया जाता है।


शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *