रेडियोएक्टिव क्षय का नियम क्या है, रदरफोर्ड और सोडी का नियम, सूत्र स्थापना

रेडियोएक्टिव क्षय

जब किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के परमाणुओं से ɑ अथवा β-कण तथा γ-किरणें निकलते हैं। तब इससे परमाणु का भार एवं क्रमांक परिवर्तित हो जाता है। एवं इसके पश्चात एक नए तत्व के परमाणु का जन्म हो जाता है। इस घटना को रेडियोएक्टिव क्षय (radioactive decay in Hindi) कहते हैं। इसे रेडियोएक्टिव विघटन भी कहा जाता है।
रेडियोएक्टिवता एक नाभिकीय परिघटना है जिसमें अस्थायी नाभिक क्षयित होता है।
प्रकृति में तीन प्रकार के रेडियोएक्टिव क्षय होते हैं।
1. ɑ-क्षय – इसमें हीलियम नाभिक उत्सर्जित होते हैं।
2. β-क्षय – इसमें इलेक्ट्रॉन अथवा पॉजीट्रॉन उत्सर्जित होते हैं।
3. γ-क्षय – इसमें उच्च ऊर्जा के फोटोन उत्सर्जित होते हैं।

रेडियोएक्टिव क्षय के उदाहरण

रेडियोएक्टिव क्षय को उदाहरण द्वारा समझते हैं।
जब यूरेनियम के परमाणु से ɑ-कण निकलता है। तो यह थोरियम के परमाणु में परिवर्तित हो जाता है।

रेडियोएक्टिव क्षय का नियम

चूंकि थोरियम भी एक रेडियोएक्टिव तत्व है। अतः यह β-कण उत्सर्जित करके प्रोटैक्टेनियम के परमाणु में बदल जाता है।

रेडियोएक्टिव क्षय के उदाहरण

यह क्रिया तब तक चलती है। जब तक रेडियोएक्टिव क्षय से कोई स्थायी परमाणु प्राप्त न आ जाए। यूरेनियम परमाणु का क्षय होने पर सीसा प्राप्त होता है। सीसा (लेड 82Pb206) सबसे भारी स्थायी तत्व है।

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रेडियोएक्टिव क्षय का नियम

इस नियम को रेडियोएक्टिव क्षय के संबंध में रदरफोर्ड और सोडी का नियम भी कहते हैं।
इस नियम के अनुसार, किसी क्षण क्षयित होने रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या, उस क्षण उपस्थित कुल रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या के अनुक्रमानुपाती होती है। इसे रेडियोएक्टिव क्षय का नियम कहते हैं।

माना dt समय में क्षयित होने वाले रेडियोएक्टिव परमाणुओं की संख्या dN है। तथा रेडियोएक्टिव परमाणुओं की कुल संख्या N हो, तो
रदरफोर्ड-सोडी के नियमानुसार,
- \frac{dN}{dt} ∝ N
या \frac{dN}{dt} = – λN
जहां λ एक नियतांक है। जिसे रेडियोएक्टिव क्षय नियतांक अथवा विघटन नियतांक कहते हैं। तो
\frac{dN}{N} = – λdt
इस समीकरण का दोनों ओर समाकलन करने पर
\int^N_{N_o} \frac{dN}{N} = – λ \int^N_{N_o} dt
या log N – log No = – λ(t – to)
यहां t = 0 पर रेडियोएक्टिव नाभिकों की संख्या No है। तो
log N – log No = – λt – 0
या log \left(\frac{N}{N_0}\right) = – λt
सूत्र log a = ea से
\left(\frac{N}{N_0}\right) = e-λt
\footnotesize \boxed { N = N_0 e^{-λt} }

इस समीकरण को रेडियोएक्टिव क्षय नियम का समीकरण कहते हैं।
जहां N0 व N क्रमशः प्रारम्भ में तथा t समय पश्चात रेडियोएक्टिव पदार्थ के परमाणुओं की संख्याएं हैं।


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