मॉडुलन
वह क्रिया जिसमें प्रेषित्र पर निम्न आवृत्ति की विद्युतचुंबकीय तरंगों को उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों पर अध्यारोपित कराया जाता है। तब इस क्रिया को मॉडुलन (modulation in Hindi) कहते हैं।
मॉडुलन की क्रिया के फलस्वरुप प्राप्त परिणामी तरंग को मॉडुलित तरंग कहते हैं।
Note – छात्र ध्यान दें कि कहीं-कहीं पर मॉडुलन के स्थान पर मॉडुलेशन शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। तो आपको बता दें कि मॉडुलेशन, मॉडुलन को ही अंग्रेजी में कहा जाता है यह दोनों शब्द का मतलब एक ही है।
मॉडुलन की आवश्यकता
1. एंटीने का आकार –
किसी संदेश सिग्नल को प्रेषित्र करने के लिए एंटीने की आवश्यकता होती है। किसी सिग्नल को प्रसारित करने के लिए एंटीने का आकार (लंबाई) सिग्नल की तरंगदैर्ध्य की कोटि की होना आवश्यक है। एंटीना का न्यूनतम आकार λ/4 होना चाहिए।
माना निम्न 20 किलोहर्ट्स आवृत्ति की तरंग के लिए तरंगदैर्ध्य
λ = \frac{C}{v}
λ = \frac{3 × 10^8 m/s}{20 × 10^3 Hz}
λ = 15 × 103 मीटर
λ = 15 किलोमीटर
तो एंटीने की लंबाई = \large \frac{λ}{4} = \large \frac{15}{4} = 3.75 किलोमीटर
अतः 3.75 किलोमीटर लंबाई का एंटीना बनाना अव्यवहारिक है।
यदि प्रेषण आवृत्ति उच्च 1 मेगाहर्ट्ज (106 हर्ट्स) की कोटी की हो, तो तरंग के लिए तरंगदैर्ध्य
λ = \frac{C}{v}
λ = \frac{3 × 10^8 m/s}{10^6 Hz}
λ = 300 मीटर
तो एंटीने की लंबाई = \frac{λ}{4} = \frac{300}{4} = 75 मीटर
तब 75 मीटर लंबाई का एंटीना बनाना व्यवहारिक है।
अतः संदेश सिग्नल से प्रेषित्र के लिए उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगें होनी आवश्यक हैं।
2. एंटीने द्वारा प्रभावी विकिरण –
किसी ℓ लंबाई के रेखीय एंटीने द्वारा विकिरित शक्ति P, तरंगदैर्ध्य के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है। तो
P ∝ \frac{1}{λ^2}
इससे स्पष्ट होता है कि एंटीने की समान लंबाई के लिए, तरंगदैर्ध्य के घटने पर विकिरित शक्ति में वृद्धि हो जाती है। अतः किसी लंबी तरंगदैर्ध्य के आधार बैंड सिग्नल द्वारा प्रभावी शक्ति विकिरण कम होती है।
मॉडुलन के प्रकार
मॉडुलन तीन प्रकार के होते हैं।
1. आयाम मॉडुलन
2. आवृत्ति मॉडुलन
3. कला मॉडुलन
1. आयाम मॉडुलन
जब उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों के आयाम को निम्न आवृत्ति के श्रव्य सिग्नलों के संगत आयामों के अनुरूप रूपांतरित किया जाता है। तो इनके परस्पर अध्यारोपण की क्रिया को आयाम मॉडुलन (Amplitude Modulation) AM कहते हैं।
आयाम मॉडुलन में वाहक तरंग के आयाम में सूचना सिग्नल के अनुसार परिवर्तन होता है।
2. आवृत्ति मॉडुलन
जब उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों की आवृत्ति को श्रव्य सिग्नलों के संगत आयामों के अनुरूप रूपांतरित किया जाता है। तो इनके परस्पर अध्यारोपण की क्रिया को आवृत्ति मॉडुलन (Frequency Modulation) FM कहते हैं।
3. कला मॉडुलन
जब उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों की कला को श्रव्य सिग्नलों के संगत आयामों के अनुरूप रूपांतरित किया जाता है। तो इनके परस्पर अध्यारोपण की क्रिया को कला मॉडुलन (Phase Modulation) PM कहते हैं।
मॉडुलन सूचकांक
मॉडुलन तरंग के आयाम (Em) तथा वाहक तरंग के आयाम (Ec) के अनुपात को मॉडुलन सूचकांक कहते हैं। इसे ma से प्रदर्शित किया जाता है। मॉडुलन सूचकांक मॉडुलन तरंग की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
\footnotesize \boxed { m_a = \frac{E_m}{E_c} }
जहां ma → मॉडुलन सूचकांक
Em → मॉडुलक तरंग का आयाम Ec → वाहक तरंग का आयाम
महत्वपूर्ण सूत्र
1. निम्न पाश्र्व बैण्ड आवृत्ति (LSB) = fc – fm
2. उच्च पाश्र्व बैण्ड आवृत्ति (USB) = fc + fm
3. आयाम मॉडुलित तरंग की बैण्ड चौड़ाई = USB – LSB
या 2fm
जहां fm → मॉडुलन तरंग की आवृत्ति
fc → वाहक तरंग की आवृत्ति
4. \footnotesize \boxed { E_{max} = E_c + E_m }
5. \footnotesize \boxed { E_{min} = E_c - E_m }
जहां Emax → आयाम मॉडुलित तरंग का अधिकतम मान
Emin → आयाम मॉडुलित तरंग का न्यूनतम मान
6. मॉडुलन सूचकांक को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है।
\footnotesize \boxed { m_a = \frac{E_m}{E_c} = \frac{E_{max} - E_{min}}{E_{max} + E_{min}} }