गतिक विद्युत वाहक बल
माना PQ एक चालक छड़ है जिसकी ℓ लंबाई है। यह चालक छड़ एकसमान चुंबकीय क्षेत्र B में एक U आकार के स्थिर चालक ABCD की भुजाओं पर v वेग से दायीं ओर चल रही है। जैसा चित्र में दर्शाया गया है। चालक छड़ की गति के कारण छड़ में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर एक चुंबकीय (या लॉरेंज) बल F कार्य करता है। जिस कारण छड़ के इलेक्ट्रॉन P सिरे से Q सिरे की ओर जाने लगते हैं। तब चालक छड़ पर आरोपित बल
F = iBℓ
इस बल की दिशा बायीं होगी। चूंकि यह बल मुक्त इलेक्ट्रॉनों को छड़ के K सिरे की ओर ले जाता है इसलिए छड़ के सिरों पर विभवांतर V आरोपित हो जाता है। अतः चालक छड़ को V वेग से दाएं ओर को चलाने के लिए F बल के बराबर एवं विपरीत दिशा में F’ बल लगाना होगा
अर्थात् F’ = F = -iBℓ

माना चालक छड़ ∆t समय अंतराल में ∆x दूरी तय करती है। तो चालक छड़ पर किया गया कार्य
W = बल × विस्थापन
W = F’ × ∆x
W = -iBℓ × ∆x
चूंकि ∆x = V × ∆t होता है तो कार्य
W = -iBℓ × V × ∆t
या W = -BVℓ × (i∆t)
चूंकि आवेश q = धारा × समय अंतराल
तो W = -BVℓ × q
यह तो हम जानते ही हैं कि किसी सेल द्वारा किसी विद्युत परिपथ में एकांक आवेश को प्रवाहित करने पर जो कार्य किया जाता है वह सेल का विद्युत वाहक बल होता है। तब चालक छड़ में प्रेरित विद्युत वाहक बल
ε = \large \frac{W}{q}
W का मान उपरोक्त समीकरण से रखने पर
ε = \large \frac{-BVℓ × q}{q}
ε = -BVℓ समी.(1)
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प्रेरित विद्युत वाहक बल BVℓ को गतिक विद्युत वाहक बल (motional EMF in hindi) कहते हैं।
∆t समय अंतराल में परिपथ से गुजरने वाला चुंबकीय फ्लक्स ∆Φ में परिवर्तन
∆Φ = चुंबकीय क्षेत्र × क्षेत्रफल परिवर्तन
∆Φ = B × ℓ∆x
चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर
\frac{∆Φ}{∆t} = Bℓ × \frac{∆x}{∆t}
(यहां दोनों ओर∆t से भाग की गई है)
चूंकि \frac{∆x}{∆t} = V होता है तो
\frac{∆Φ}{∆t} = BℓV समी.(2)
अतः समी.(1) व समी.(2) की आपस में तुलना करने पर
BℓV = -BℓV
या \frac{∆Φ}{∆t} = -ε
या \footnotesize \boxed { ε = -\frac{∆Φ}{∆t} }
यही फैराडे का विद्युत चुंबकीय प्रेरण का नियम है।
अतः इस प्रकार लॉरेंज बल के आधार पर विद्युत चुंबकीय प्रेरण की व्याख्या की जाती है।