पोलेराइड क्या है, रचना, उपयोग तथा समतल ध्रुवित प्रकाश का संसूचन

पोलेराइड

कार्बनिक यौगिक हारपेथाइट के अतिसूक्ष्म क्रिस्टल नाइट्रो सेलुलोस की पतली चादर पर किसी विशेष विधि के द्वारा एक बड़े आकार की फिल्म तैयार की जाती है। यह बड़े आकार की फिल्म ही पोलेराइड फिल्म होती है। जिसे पोलेराइड (Polaroid in Hindi) कहते हैं।
पोलेराइड में अणुओं की एक लंबी श्रंखला होती है जो एक विशेष दिशा में पंक्तिबद्ध होते हैं। अर्थात् प्रत्येक पोलेराइड फिल्मों में एक अभिलाक्षणिक दिशा होती है। जिसे ध्रुवण दिशा कहते हैं। पोलेराइड समतल ध्रुवित प्रकाश उत्पन्न करने की एक व्यापारिक विधि है।

पोलेराइड की रचना

जब अध्रुवित प्रकाश की एक किरण पुंज पोलेराइड फिल्म से होकर गुजारती है। तब पोलेराइड फिल्म केवल प्रकाश के उन घटकों को ही अपने से पार जाने देती है। जिनके विद्युत वेक्टर पोलेराइड फिल्म की ध्रुवण दिशा के समांतर कंपन करते हैं। एवं पोलेराइड फिल्म उन घटकों को अवशोषित कर लेती है जो इस दिशा के लंबवत कंपन करते हैं। अतः इस प्रकार पोलेराइड फिल्म से केवल एक ही दिशा में कंपन करते हुए प्रकाश के विद्युत वेक्टर बाहर निकलते हैं। यह पारगमित प्रकाश समतल ध्रुवित होता है।

पोलेराइड क्या है

अतः इस प्रकार पोलेराइड फिल्म के द्वारा अध्रुवित प्रकाश को पूर्ण रूप से समतल ध्रुवित प्रकाश में परिवर्तित किया जाता है।

पोलेराइड से समतल ध्रुवित प्रकाश का संसूचन

पोलेराइड से समतल ध्रुवित प्रकाश का संसूचन के लिए प्रकाश को पोलेराइड से प्रवेश कराया जाता है तथा निर्गत प्रकाश को आंख से देखते हुए पोलेराइड को आपतित प्रकाश के परितः घुमाते हैं। तब
1. यदि पोलेराइड को एक पूरा चक्कर घुमाने के पश्चात् निर्गत प्रकाश की तीव्रता में कोई अंतर नहीं पड़ता है। तब आपतित प्रकाश अध्रुवित होता है।
2. यदि निर्गत प्रकाश की तीव्रता में कोई परिवर्तन तो होता है। लेकिन किसी भी दशा में तीव्रता शून्य नहीं होती है। तब आपतित प्रकाश ध्रुवित होता है।
3. यदि निर्गत प्रकाश की तीव्रता में कोई परिवर्तन होता है एवं एक पूर्ण चक्र में तीव्रता दो बार अधिकतम तथा दो बार तीव्रता शून्य हो जाती है। तब इस दशा में आपतित प्रकाश पूर्णतः समतल ध्रुवित होता है।

पढ़ें… मेलस का नियम क्या है उत्पत्ति बताइए | law of malus in Hindi
पढ़ें… प्रकाश के व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिए

पोलेराइड के उपयोग

  1. पोलेराइड को धूप के चश्मों, खिड़कियों के शीशे आदि में तीव्रता नियंत्रित करने में उपयोग किया जाता है।
  2. पोलेराइड का उपयोग फोटोग्राफी कैमरों तथा 3D चलचित्र कैमरे में भी किया जाता है।
  3. पोलेराइड का उपयोग वाहनों की हेडलाइट तथा चालक के सामने के शीशे (विंड स्क्रीन) में किया जाता है। इसके उपयोग रात में सामने से आने वाले वाहनों की लाइट से आंखों पर चकाचौंध नहीं पड़ती है।
  4. पोलेराइड को वायुयान तथा ट्रेनों में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित करने में प्रयोग किया जाता है।
  5. पोलेराइड का उपयोग सूक्ष्मदर्शी में भी किया जाता है। इसका उपयोग करने से सूक्ष्मदर्शी द्वारा अति सूक्ष्म जीवों को स्पष्ट देखा जा सकता है।

शेयर करें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *