प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान, वर्ग माध्य मूल मान एवं शिखर मान को समझाइए तथा संबंध लिखिये

प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान

प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान

प्रत्यावर्ती धारा अपने एक पूर्ण चक्र में दो अधिकतम मान प्राप्त करती है। धारा के इस अधिकतम मान को ही प्रत्यावर्ती धारा को शिखर मान कहते हैं। इसे im द्वारा निरूपित किया जाता है।
चित्र द्वारा स्पष्ट किया गया है।

प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान

प्रत्यावर्ती धारा का मान व दिशा दोनों ही परिवर्तित होते रहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा एक अर्ध चक्र में एक दिशा में प्रवाहित होती है तथा दूसरे अर्ध चक्कर में विपरीत दिशा में प्रवाहित होती है। अतः एक पूर्ण चक्र के लिए प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है। प्रत्यावर्ती धारा के औसत मान (average value of alternating current in Hindi) को ia द्वारा निरूपित किया जाता है।

पहले अर्ध चक्र के दौरान प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान
\footnotesize \boxed { i_a = \frac{2}{π} i_m }
π का मान रखकर हल करने पर
\footnotesize \boxed { i_a = 0.637 × i_m }
दूसरे अर्ध चक्र के दौरान प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान
\footnotesize \boxed { i_a = - \frac{2}{π} i_m }
\footnotesize \boxed { i_a = - 0.637 × i_m }
जहां im धारा का शिखर मान है।
अतः इस प्रकार प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान पहले अर्ध चक्र के दौरान 0.637 × im होता है। तथा दूसरे अर्ध चक्र के दौरान – 0.637 × im होता है। तब एक पूर्ण चक्र के दौरान प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होगा। अर्थात
औसत मान = 0.637 × im + (- 0.637 × im)
औसत मान = 0

प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान

प्रत्यावर्ती धारा के एक पूर्ण चक्र के लिए धारा के वर्ग के औसत मान के वर्गमूल को प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान कहते हैं। इसे irms द्वारा निरूपित किया जाता है।

irms = \frac{i_m}{\sqrt{2}}
चूंकि \sqrt{2} का मान 1.414 होता है। तब धारा का वर्ग माध्य मूल मान
\footnotesize \boxed { i_{rms} = 0.707 × i_m }

पढ़ें… प्रत्यावर्ती धारा परिपथ क्या है | alternating current circuit in Hindi
पढ़ें… L-R परिपथ क्या है कलांतर तथा प्रतिबाधा होती है | LR circuit in Hindi

प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान एवं शिखर मान में संबंध

प्रत्यावर्ती धारा अपने एक पूर्ण चक्र में दो बार अधिकतम तथा दो बार न्यूनतम मान प्राप्त करती है। धारा का यह अधिकतम मान ही उसका शिखर मान कहलाता है।
\footnotesize \boxed { i_{rms} = 0.707 × i_m }
जहां irms प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान तथा im प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान है।

माध्य मान एवं धारा की शिखर मान में संबंध

एक पूर्ण चक्र के लिए धारा का औसत मान शून्य होता है। इसे धारा का माध्य मान भी कहते हैं।
\footnotesize \boxed { i_a = \frac{2}{π} i_m }
π का मान रखने पर
\footnotesize \boxed { i_a = 0.637 × i_m }
जहां im धारा का शिखर मान है। तथा ia धारा का माध्य मान अथवा औसत मान है।


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