फोकस दूरी एवं वक्रता त्रिज्या के संबंध यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस पर एक या दो नंबर में प्रश्न आ जाता है या आंकिक प्रश्नों में भी इसका सूत्र उपयोग किया जाता है।
फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या में संबंध

चित्र में XY एक अवतल गोलीय दर्पण है AQ आपतित तथा QF परावर्तित किरणें हैं। एवं बिंदु Q पर एक अभिलंब CQ डाला जाता है। इस अभिलंब से आपतित किरण दो कोणों में विभाजित हो जाती है। परावर्तन के नियम के अनुसार से आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है। चित्र में ∠AQC आपतन कोण है। जिसे i द्वारा प्रदर्शित किया गया है। तथा ∠CQF परावर्तन कोण है जिसे r द्वारा प्रदर्शित किया गया है। तब
आपतन कोण = परावर्तन कोण
∠AQC = ∠CQF
i = r
एकांतर कोण प्रमेय से
∠FQC तथा ∠QCF आपस में बराबर होंगे। अतः
i = θ
चूंकि एकांतर कोण प्रमेय में दो कोण तथा दो भुजाएं आपस में बराबर होती हैं। तो
भुजा QF = भुजा CF
दर्पण का द्वारक छोटा होने के कारण भुजा QF, फोकस दूरी PF के बराबर होगी। तो
QF = PF
या QF = CF = PF समीकरण (1)
चित्र में वक्रता त्रिज्या को R से दर्शाया गया है। जो PF तथा CF के योग के बराबर होगी। तब
PC = CF + PF = R
समीकरण (1) से CF का मान रखने पर वक्रता त्रिज्या
R = PC = PF + CF
R = PF + PF
या वक्रता त्रिज्या R = 2PF
चूंकि PF फोकस दूरी f को निरूपित करता है तब
R = 2f
या \footnotesize \boxed { R = 2f }
यही गोलीय दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता त्रिज्या में संबंध का सूत्र है।
इस सूत्र को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है।
\footnotesize \boxed { f = \frac{R}{2} }
अतः इसके अनुसार फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।
या वक्रता त्रिज्या, फोकस दूरी की दोगुनी होती है।
पढ़ें… रेखीय आवर्धन क्या है परिभाषा लिखिए, लेंस का दर्पण के लिए सूत्र, मात्रक
पढ़ें… गोलीय दर्पण किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं, अवतल व उत्तल दर्पण
कभी-कभी एक नंबर वाले सवालों में भी यह पूछ लिया जाता है की फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या में क्या संबंध है।