क्रिकेट की दुनिया में कुछ शॉट्स ऐसे होते हैं जो किसी खिलाड़ी की पहचान बन जाते हैं। हेलीकॉप्टर शॉट को महेंद्र सिंह धोनी के सिग्नेचर शॉट के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शॉट को सबसे पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar)ने खेला था?
सचिन तेंदुलकर ने 2002 में खेला था पहला हेलीकॉप्टर शॉट
साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने पहली बार हेलीकॉप्टर शॉट का इस्तेमाल किया था। यह शॉट उन्होंने तेज गेंदबाज जेम्स कर्टली की गेंद पर खेला था। इस शॉट में सचिन ने अपने ट्रेडमार्क फ्लिक का इस्तेमाल किया और दमदार कलाईयों के सहारे गेंद को बाउंड्री के पार भेज दिया।
तेंदुलकर का यह शॉट इतना प्रभावी था कि इससे प्रेरित होकर महेंद्र सिंह धोनी ने इसे और बेहतर बनाया और अपने करियर में कई बार इस शॉट का उपयोग किया।
धोनी ने हेलीकॉप्टर शॉट को बनाया लोकप्रिय
महेंद्र सिंह धोनी ने इस शॉट को अपने अंदाज में ढाल लिया और इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध कर दिया। धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट की खासियत यह थी कि वे इसे फुल टॉस या यॉर्कर गेंदों पर बड़ी आसानी से खेलते थे। खासतौर पर डेथ ओवर्स में यह शॉट उनकी सबसे बड़ी ताकत बन गया था।
उनका सबसे यादगार हेलीकॉप्टर शॉट 2011 विश्व कप फाइनल में आया, जब उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नुवान कुलसेकरा की गेंद पर विजयी छक्का लगाकर भारत को विश्व कप जिताया।
हेलीकॉप्टर शॉट का असली जनक कौन?

हालांकि, हेलीकॉप्टर शॉट को धोनी का ट्रेडमार्क माना जाता है, लेकिन क्रिकेट इतिहास में इसे पहली बार सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने खेला था। इस शॉट की तकनीक में कलाई और बल्ले के मूवमेंट का बेहतरीन तालमेल होता है, जो सचिन और धोनी दोनों के खेल का अहम हिस्सा था।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि यह प्रसिद्ध शॉट तेंदुलकर की देन थी, जिसे बाद में धोनी ने अपने करियर का सबसे घातक हथियार बना लिया।