Virender Sehwag
Virender Sehwag

Test Cricket को अक्सर धैर्य और संयम का खेल माना जाता है, जहां बल्लेबाज समय लेते हैं और बड़ी पारियां खेलने का प्रयास करते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो इस पारंपरिक प्रारूप में तूफानी बल्लेबाजी करते हुए रिकॉर्ड बुक्स में अपनी जगह बना लेते हैं। ऐसे ही कुछ विस्फोटक बल्लेबाजों ने टेस्ट क्रिकेट ( Test Cricket ) के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक जड़कर दुनिया को चौंका दिया। ये पांच खिलाड़ियों जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम गेंदों में 200 रन पूरे किए हैं।

1. नाथन एस्टल (न्यूजीलैंड) – 153 गेंदें

Nathan Astle
Nathan Astle

टेस्ट क्रिकेट ( Test Cricket ) के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल के नाम है। 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में खेले गए इस मुकाबले में एस्टल ने महज 153 गेंदों में दोहरा शतक जड़ दिया था। एस्टल की इस पारी ने पूरी क्रिकेट दुनिया को हैरान कर दिया था।

2. बेन स्टोक्स (इंग्लैंड) – 163 गेंदें

Ben Stokes
Ben Stokes

इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने 2016 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में 163 गेंदों में दोहरा शतक लगाया था। यह पारी स्टोक्स की आक्रामक बल्लेबाजी का बेहतरीन नमूना थी, जिसमें उन्होंने चौकों और छक्कों की बरसात कर दी थी।

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3. वीरेंद्र सहवाग (भारत) – 168 गेंदें

Virender Sehwag
Virender Sehwag

भारतीय क्रिकेट के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 2009 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ 168 गेंदों में दोहरा शतक ठोका था। सहवाग के इस कारनामे ने साबित कर दिया कि वह टेस्ट क्रिकेट ( Test Cricket ) में भी सीमित ओवरों की तरह आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं।

4. वीरेंद्र सहवाग (भारत) – 182 गेंदें

Virender Sehwag
Virender Sehwag

सहवाग का नाम इस सूची में दो बार आता है। उन्होंने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 182 गेंदों में दोहरा शतक जड़ा था। सहवाग की यह पारी भारत को टेस्ट क्रिकेट ( Test Cricket ) में एक बड़ी बढ़त दिलाने में अहम साबित हुई थी।

5. ब्रेंडन मैक्कलम (न्यूजीलैंड) – 186 गेंदें

Brendon McCullum
Brendon McCullum

न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कलम ने 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में 186 गेंदों में दोहरा शतक लगाया था। मैक्कलम की यह पारी उनकी आक्रामकता और बड़े मंच पर बेखौफ खेलने की क्षमता का परिचायक थी।

इन खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट ( Test Cricket ) में भी आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी कर रिकॉर्ड बनाए जा सकते हैं।