विभवमापी के दो उपयोग लिखिए | सेल का विद्युत वाहक बल तथा आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करना

विभवमापी का सिद्धांत क्या है इसके बारे में हम पिछले लेख में चर्चा कर चुके हैं। प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम विभवमापी के दो उपयोग को विस्तार से समझेंगे।

विभवमापी के उपयोग

विभवमापी के दो उपयोग मुख्य हैं।

1. विभवमापी के द्वारा दो सेलों के विद्युत वाहक बलों की तुलना करना

इसके लिए सेल E1 को परिपथ में लगाकर शून्य विक्षेप स्थिति प्राप्त करते हैं। माना यह स्थिति ℓ1 लंबाई पर प्राप्त होती है। तो विद्युत वाहक बल
E1 = Φℓ1 समीकरण (1)
जहां Φ विभव प्रवणता तथा E1 प्रथम सेल का विद्युत वाहक बल है।
अब इसी प्रकार सेल E2 को परिपथ में लगाकर शून्य विक्षेप स्थिति को पुन: प्राप्त किया जाता है। माना यदि यह स्थिति ℓ2 लंबाई पर प्राप्त होती है तब

E2 = Φℓ2 समीकरण (2)
अब समीकरण (1) व समीकरण (2) को आपस में भाग करने पर
\frac{E_1}{E_2} = \frac{Φℓ_1}{Φℓ_2}
या \footnotesize \boxed { \frac{E_1}{E_2} = \frac{ℓ_1}{ℓ_2} }

पढ़ें… किरचॉफ का नियम, प्रथम व द्वितीय नियम क्या है | Kirchhoff law in Hindi
पढ़ें… विभवमापी का सिद्धांत क्या है, सूत्र, सुग्राहिता | potentiometer in Hindi

2. विभवमापी के द्वारा सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात करना

इसके लिए प्रायोगिक सेल को परिपथ में लगाकर शून्य विक्षेप स्थिति प्राप्त करते हैं। माना यह स्थिति ℓ1 लंबाई पर प्राप्त होती है। तो खुले परिपथ के लिए
E1 = Φℓ1 समीकरण (1)

अब सेल के समाम्तर क्रम में प्रयुक्त R प्रतिरोध आरोपित करके शून्य विक्षेप स्थिति को पुनः प्राप्त किया जाता है। माना यह स्थिति ℓ2 लंबाई पर प्राप्त होती है। तो बन्द परिपथ के लिए
V = Φℓ2 समीकरण (2)
जहां V परिपथ के सिरों के बीच विभवांतर है।
अब समीकरण (1) व समीकरण (2) की आपस में भाग करने पर
\frac{E}{V} = \frac{Φℓ_1}{Φℓ_2} समीकरण (3)
सेल का आंतरिक प्रतिरोध
r = R × \left( \frac{E}{V} -1\right)
अब \frac{E}{V} का मान समीकरण (3) से रखने पर आंतरिक प्रतिरोध
\footnotesize \boxed { r = R \left(\frac{ℓ_1}{ℓ_2} - 1 \right) }


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