संचार व्यवस्था अध्याय नोट्स | Physics class 12 Chapter 15 notes in Hindi

संचार व्यवस्था 12वीं भौतिकी का 15वां यानी आखिरी अध्याय है। इस अध्याय में कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएं हैं जिन पर अति लघु या लघु उत्तरीय प्रश्न परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं आइए इनको अच्छे से पढ़ते हैं। संचार व्यवस्था सूचनाओं तथा संदेशों के एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण करने की प्रक्रिया को संचार …

मॉडुलन क्या है और इसकी आवश्यकता, परिभाषा, प्रकार, आयाम मॉडुलन

मॉडुलन वह क्रिया जिसमें प्रेषित्र पर निम्न आवृत्ति की विद्युतचुंबकीय तरंगों को उच्च आवृत्ति की वाहक तरंगों पर अध्यारोपित कराया जाता है। तब इस क्रिया को मॉडुलन (modulation in Hindi) कहते हैं।मॉडुलन की क्रिया के फलस्वरुप प्राप्त परिणामी तरंग को मॉडुलित तरंग कहते हैं। Note – छात्र ध्यान दें कि कहीं-कहीं पर मॉडुलन के स्थान …

अर्धचालक किसे कहते हैं | Physics class 12 chapter 14 notes in Hindi

प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम अर्धचालक पाठ को पूरी तरह से समझाने का प्रयास करेंगे। इस पाठ के जितने भी महत्वपूर्ण एवं बड़े-बड़े टॉपिक्स हैं। उन पर Gyan Tracks द्वारा विशेष आर्टिकल तैयार किए हैं जिनका सीधा लिंक नीचे प्रस्तुत किया गया है। आप सभी टॉपिक पर लिखे गए लेख को जरूर पढ़ें। अर्धचालक वह …

लॉजिक गेट क्या है, प्रकार, बुलियन व्यंजक, प्रतीक | logic gates in Hindi class 12

लॉजिक गेट वे डिजिटल परिपथ, जो निवेशी तथा निर्गत वोल्टताओं के बीच किसी निश्चित तर्क संगत संबंध का पालन करते हैं। लॉजिक गेट (logic gates in Hindi) कहलाते हैं।लॉजिक गेट को अर्धचालक युक्तियों का प्रयोग करके बनाया जा सकता है। प्रत्येक लॉजिक गेट को किसी प्रतीक चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। सत्यता सारणी लॉजिक …

ट्रांजिस्टर क्या है प्रकार, उपयोग, सिद्धांत, कार्यविधि | PNP और NPN ट्रांजिस्टर

ट्रांजिस्टर ट्रायोड वाल्व के स्थान पर प्रयुक्त की जाने वाली वह इलेक्ट्रॉनिक युक्ति जो n और p प्रकार के अर्धचालकों से बनी होती है ट्रांजिस्टर (transistor in hindi) कहलाती है।ट्रांजिस्टर के तीन भाग होते हैं।1. आधार2. संग्राहक3. उत्सर्जकट्रांजिस्टर का अविष्कार सर्वप्रथम वैज्ञानिकों बार्डीन, शोकले तथा बेरिन ने किया था। इस अविष्कार के लिए इन वैज्ञानिकों …

जेनर डायोड क्या है, उपयोग, गुणधर्म, कार्यविधि को अभिलाक्षणिक वक्र द्वारा समझाइए

जेनर डायोड जेनर डायोड सामान्य पश्च दिशिक डायोडो से विशेष रूप से निर्मित अत्यधिक अपमिश्रित pn संधि डायोड होता है जो उत्क्रम अभिनति में भंजक वोल्टता पर बिना खराब हो निरंतर कार्य कर सकता है। इसका उपयोग वोल्टता नियंत्रित के रूप में किया जाता है। जेनर डायोड का अविष्कार वैज्ञानिक क्लारेंस जेनर ने किया था …

सोलर सेल क्या है इसके उपयोग, संरचना एवं कार्यविधि, सौर सेल के प्रकार लिखिए

सोलर सेल वह युक्ति जो प्रकाश ऊर्जा (सौर ऊर्जा) को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है। सोलर अथवा सौर सेल (solar cell in Hindi) कहलाती है।सौर सेल मूल रूप से एक ऐसी pn संधि होती है जो सौर विकिरणों के आपतित होने पर विद्युत वाहक बल उत्पन्न करती है। सौर सेल, फोटोडायोड के सिद्धांत पर …

फोटो डायोड क्या है इसकी संरचना एवं कार्य विधि का वर्णन कीजिए, सिद्धांत, उपयोग

फोटो डायोड फोटो डायोड एक विशिष्ट प्रयोजन pn संधि डायोड है यह एक ऐसी युक्ति होती है जो प्रकाश संकेतों के संसूचन में प्रयुक्त की जाती है। फोटो डायोड में pn संधि डायोड उत्क्रम अभिनति (पश्च दिशिक) में कार्य करता है। फोटो डायोड किसी pn संधि पर आपतित प्रकाश के प्रभाव पर आधारित है।चूंकि फोटो …

LED क्या है इसके मुख्य उपयोग, सिद्धांत | प्रकाश उत्सर्जक डायोड की संरचना, परिभाषा

LED क्या है (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) LED एक अत्यधिक अपमिश्रित pn संधि डायोड होती है। जो अग्र दिशिक में विकिरणों का उत्सर्जन करती है। इस प्रकार की युक्ति को प्रकाश उत्सर्जक डायोड अथवा LED (light emitting diode in Hindi) कहते हैं।यह डायोड पारदर्शी आवरण से बंद होता है जिससे कि उत्सर्जित विकिरण (प्रकाश) बाहर आ …

PN संधि डायोड पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में क्या है, कार्यविधि, परिपथ आरेख

वह परिपथ जिसमें दो संधि डायोड का उपयोग करके एक ऐसी परिपथ की व्यवस्था की जाती है जिससे धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों ही अर्ध चक्रों के दौरान निर्गत वोल्टता प्राप्त होती है तब इस प्रकार के परिपथ को पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते हैं। pn संधि डायोड पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में पूर्ण तरंग दिष्टकारी …