क्रिकेट के इतिहास में कई रोचक कहानियां दर्ज हैं, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो इसे और भी खास बना देती हैं। हाल ही में एक ऐसी ही ऐतिहासिक घटना घटी जब एक युवा खिलाड़ी ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपने देश की टेस्ट टीम की कमान संभाली। यह क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ तीसरी बार हुआ है जब बाप-बेटे की जोड़ी ने अपने देश की कप्तानी की है।
Johnathan Campbell ने जिम्बाब्वे का कप्तान बनके बनाया एक अनोखा रिकॉर्ड
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जिम्बाब्वे के युवा खिलाड़ी जोनाथन कैंपबेल (Johnathan Campbell) को देश की टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। यह फैसला तब लिया गया जब नियमित कप्तान क्रेग एर्विन पारिवारिक कारणों से एकमात्र टेस्ट मैच से हट गए। इस फैसले के साथ, जोनाथन ने अपने पिता एलीस्टर कैंपबेल की विरासत को आगे बढ़ाते हुए जिम्बाब्वे की कप्तानी संभाली।
एलीस्टर कैंपबेल 1990 के दशक में जिम्बाब्वे के सबसे प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे और उन्होंने टीम की कप्तानी भी की थी। अब उनके बेटे जोनाथन कैंपबेल (Johnathan Campbell) को यह सम्मान मिला, जिससे वे इतिहास रचने वाली बाप-बेटे की चौथी जोड़ी बन गए, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने देश की कप्तानी की है।
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टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ चौथी बार हुआ ऐसा
टेस्ट क्रिकेट में पिता और पुत्र दोनों का कप्तान बनना एक दुर्लभ उपलब्धि है। जोनाथन और एलीस्टर कैंपबेल से पहले केवल तीन बाप-बेटे की जोड़ियां ही यह कारनामा कर पाई हैं:
- फ्रैंक मैन और जॉर्ज मैन (इंग्लैंड)
- इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी (भारत)
- कॉलिन कॉउड्रे और क्रिस कॉउड्रे (इंग्लैंड)
अब जिम्बाब्वे के कैंपबेल पिता-पुत्र इस ऐतिहासिक सूची में शामिल हो गए हैं। यह न केवल जिम्बाब्वे बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक खास क्षण है। देखने वाली बात होगी कि जोनाथन अपने कप्तानी करियर में कितना सफल होते हैं और अपने पिता की विरासत को किस तरह आगे बढ़ाते हैं।