भारतीय क्रिकेट (Team India) में ऐसे कई खिलाड़ी आए जिन्होंने अपनी प्रतिभा से दुनियाभर में नाम कमाया। लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हुए जो अपनी बेहतरीन शुरुआत के बावजूद अनुशासन और घमंड के कारण अपने करियर को बर्बाद कर बैठे। इन खिलाड़ियों के पास अपार टैलेंट था, वे भारतीय टीम की रीढ़ बनने की क्षमता रखते थे, लेकिन उनकी गलत आदतों और असंयमित जीवनशैली ने उन्हें क्रिकेट से दूर कर दिया। आज हम दो ऐसे खिलाड़ियों की बात कर रहे हैं, जो कभी भारतीय क्रिकेट का भविष्य माने जाते थे, लेकिन उनकी यात्रा गुमनामी की ओर बढ़ गई।

 

विनोद कांबली:

Team India

विनोद कांबली, जिन्होंने अपने शुरुआती करियर में बेहतरीन प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा, को सचिन तेंदुलकर का करीबी दोस्त माना जाता था। कांबली ने टेस्ट क्रिकेट में 54.20 के औसत से रन बनाए और शुरुआती कुछ सालों में दो दोहरे शतक जड़े। लेकिन पैसों और शोहरत का घमंड उनके ऊपर इतना हावी हो गया कि उनका फोकस क्रिकेट से हटने लगा। वे अपने अनुशासनहीन रवैये और पार्टी लाइफस्टाइल के कारण टीम (Team India) से बाहर हो गए। उनकी प्रतिभा के बावजूद, उनकी जिंदगी का गलत रास्ता चुनने का खामियाजा उनके करियर को भुगतना पड़ा।

 

पृथ्वी शॉ:

Team India

पृथ्वी शॉ ने 18 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट (Team India) में कदम रखा और अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़कर एक बड़ा नाम बनाया। उन्हें भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा सितारा कहा गया। लेकिन उनके घमंड और अनुशासनहीनता ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया। खराब फिटनेस, डोपिंग बैन, और पार्टी लाइफस्टाइल की वजह से वे लगातार विवादों में रहे। 2025की आईपीएल नीलामी में उनका अनसोल्ड रहना दिखाता है कि क्रिकेट करियर में सिर्फ टैलेंट काफी नहीं, बल्कि अनुशासन और निरंतरता भी जरूरी है।

 

अनुशासन और निरंतरता की अहमियत

 

कांबली और शॉ के करियर से एक अहम सबक मिलता है, सफलता को बनाए रखना टैलेंट से ज्यादा अनुशासन और कड़ी मेहनत पर निर्भर करता है। क्रिकेट हो या कोई और क्षेत्र, घमंड और लापरवाही कभी भी सफलता का विकल्प नहीं हो सकते।