क्रिकेट की दुनिया में कुछ ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिनका योगदान सिर्फ आंकड़ों से नहीं आंका जा सकता। भारतीय क्रिकेट( Team India) इतिहास में ऐसा ही एक नाम है जिसने अपनी बल्लेबाजी, कप्तानी और विकेटकीपिंग से टीम इंडिया को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने तीन आईसीसी ट्रॉफियां जीतीं, परंतु एक रिकॉर्ड जो उनके नाम नहीं है, वह है विदेशी जमीन पर शतक लगाना। इसके बावजूद, इस खिलाड़ी को आज भी क्रिकेट इतिहास के सबसे महान विकेटकीपर-बल्लेबाज और कप्तान के रूप में माना जाता है।
महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें पूरी दुनिया “कैप्टन कूल” के नाम से जानती है, ने विदेशी जमीन पर कभी शतक नहीं लगाया। लेकिन उनका योगदान भारतीय क्रिकेट को सफल बनाने में अतुलनीय रहा है। धोनी ने 2004 से 2019 तक भारत के लिए वनडे क्रिकेट में खेलते हुए 21 विदेशी सीरीज में से 20 में भाग लिया और 2801 रन बनाए। उनका औसत 71.82 रहा, जिसमें 18 बार नाबाद 50+ स्कोर दर्ज किए गए, जो किसी भी एशियाई खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक है। उन्होंने 5 बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता, जो उनकी निरंतरता और प्रभाव का प्रमाण है।
धोनी के शानदार अंतरराष्ट्रीय आंकड़े
धोनी के करियर के आंकड़े उनकी महानता की कहानी बयां करते हैं:
कुल मैच: 538
रन: 17266
औसत: 44.96
शतक: 16
अर्धशतक: 108
मैन ऑफ द मैच: 23
मैन ऑफ द सीरीज: 7
धोनी का प्रदर्शन सिर्फ बल्ले तक सीमित नहीं था। उनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी वर्ल्ड टी20 (2007), आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जीती। उन्होंने अपनी शांतचित्तता और सही समय पर सही फैसले लेने की क्षमता से टीम को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
विदेशी शतक न होने के बावजूद धोनी की महानता पर कभी सवाल नहीं उठे। उनका करियर साबित करता है कि क्रिकेट में व्यक्तिगत आंकड़े ही सब कुछ नहीं होते। उनकी बल्लेबाजी, कप्तानी और विकेटकीपिंग ने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी।