भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान Rohit Sharma को हमेशा एक भरोसेमंद बल्लेबाज और टीम का मजबूत स्तंभ माना जाता है। जब भी रोहित मैदान पर उतरते हैं, फैंस को उनसे बड़ी पारियों की उम्मीद होती है। हाल ही में उन्होंने अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव कर मिडिल ऑर्डर में खेलना शुरू किया, जो एक बड़ा निर्णय था। लेकिन इस बदलाव का शुरुआती परिणाम निराशाजनक रहा।

Rohit Sharma मिडिल ऑर्डर में वापसी, लेकिन फ्लॉप हुई शुरुआत

Rohit Sharma ने छह साल बाद मिडिल ऑर्डर में वापसी की, लेकिन यह शुरुआत उनकी उम्मीदों के विपरीत रही। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने तीसरे ओवर में रोहित को सिर्फ 3 रन पर पवेलियन भेज दिया। बोलैंड की एक शानदार इनस्विंगर ने रोहित को चौंका दिया। गेंद ने अंदर आते हुए रोहित के पैड पर सीधा प्रहार किया और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया।
रोहित ने अपने साथी ऋषभ पंत से डीआरएस लेने के लिए चर्चा की, लेकिन अंत में फैसला लिया कि डीआरएस नहीं लिया जाएगा। बाद में रिप्ले में साफ दिखा कि यह निर्णय सही था क्योंकि गेंद का प्रभाव अंपायर कॉल के तहत था।

क्या Rohit Sharma का बदलाव सही था?

पर्थ में पहले टेस्ट से अनुपस्थित रहने के बाद, रोहित ने अपनी ओपनिंग पोजिशन त्यागते हुए केएल राहुल को मौका दिया। यह निर्णय टीम की भलाई के लिए लिया गया, क्योंकि फॉर्म में चल रहे राहुल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज मिडिल ऑर्डर को मजबूती दे सकते थे। हालांकि, रोहित का प्रदर्शन सवाल खड़ा करता है कि क्या यह निर्णय सही था।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट ने रोहित की तकनीक पर सवाल उठाए, खासकर उनके फ्रंट फुट मूवमेंट की कमी पर। उन्होंने कहा कि रोहित को शुरुआती ओवरों में अपने फुटवर्क पर ज्यादा ध्यान देना होगा।

रोहित शर्मा ने पहले भी मुश्किल परिस्थितियों में अपनी बल्लेबाजी से टीम को संभाला है। फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वह जल्द ही फॉर्म में लौटेंगे। लेकिन उनका यह प्रयोग टीम के लिए सफल होगा या असफल, यह तो समय ही बताएगा।