Border–Gavaskar Trophy: न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के समापन के बाद, भारत 22 नवंबर को पर्थ में शुरू होने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अत्यधिक प्रतीक्षित पांच मैचों की टेस्ट सीरीज, 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए तैयार होगा। गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में भारत की यह यात्रा ऑस्ट्रेलिया में अपनी तीसरी लगातार श्रृंखला जीत हासिल करने का प्रयास करेगी, जिससे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी प्रतिद्वंद्विता में उनकी प्रमुखता सुनिश्चित होगी।
Border–Gavaskar Trophy: बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लें ये तीन खिलाड़ी, युवाओं को दें मौका
1) रोहित शर्मा: कप्तानी के दबाव और फॉर्म में गिरावट
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का प्रदर्शन हाल ही में संतोषजनक नहीं रहा है। कप्तानी के दबाव के चलते उनकी बल्लेबाजी में गिरावट आई है और उनका औसत भी उम्मीद के अनुसार नहीं रहा। समय आ गया है कि वे इस भूमिका से हटकर युवाओं को मौका दें, ताकि नई पीढ़ी टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित कर सके।
2) विराट कोहली: महानता का अंत, परंपरा का नया आरंभ
विराट कोहली, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्होंने अपनी अद्वितीय बल्लेबाजी से कई रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनका टेस्ट प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा है। फैंस का मानना है कि विराट कोहली अब युवाओं के लिए जगह छोड़ सकते हैं ताकि भारतीय टीम को एक नया चेहरा और नई ऊर्जा मिले।
3) रविचंद्रन अश्विन: स्पिन का जादूगर, लेकिन वक्त बदलाव का
रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अपने स्पिन गेंदबाजी से भारत को कई जीत दिलाई है। लेकिन हाल ही में उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी देखी गई है। उनकी उम्र और फिटनेस को देखते हुए अब यह समय है कि वे नए स्पिनरों को मौका दें।
फैंस का निराशाजनक रुख
भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे में 113 रनों से हार का सामना करना पड़ा। यह हार भारत के लिए 18 लगातार टेस्ट सीरीज जीत के सिलसिले का अंत थी। इस हार के बाद फैंस ने सोशल मीडिया पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि रोहित, कोहली और अश्विन को अब टेस्ट से संन्यास लेकर युवाओं को मौका देना चाहिए।
आखिर क्यों जरूरी है संन्यास?
भारत के क्रिकेट भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम जरूरी है। युवाओं को टेस्ट क्रिकेट में अधिक अनुभव देने से भारतीय क्रिकेट को एक नया आयाम मिल सकता है।