भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट मैच 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में खेला जाएगा। इस डे-नाइट टेस्ट में भारत को गुलाबी गेंद के साथ ऑस्ट्रेलिया का सामना करना है, जो पारंपरिक रूप से उनकी ताकत मानी जाती है। पिछली बार भारत ने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट खेलते हुए दूसरे इनिंग्स में केवल 36 रन पर ऑलआउट होकर इतिहास के पन्नों में एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया था। हालांकि, इस बार भारतीय टीम के पास पिछले अनुभव से सीखते हुए बेहतर प्रदर्शन करने का मौका है।

पिच पर घास, गेंदबाजों को मिलेगा फायदा


एडिलेड ओवल के पिच क्यूरेटर डेमियन हफ ने बताया कि इस बार पिच पर 6 मिमी घास छोड़ी जाएगी, जो तेज गेंदबाजों को काफी मदद देगी। डे-नाइट टेस्ट के तहत रोशनी के बीच गेंद अधिक स्विंग और सीम करती है, जिससे बल्लेबाजों को परेशानी हो सकती है। हालांकि, क्यूरेटर ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य एक संतुलित पिच तैयार करना है, जहां तेज गेंदबाज, स्पिनर और बल्लेबाज सभी को समान अवसर मिलें।
क्यूरेटर हफ ने यह भी साफ किया कि पिच पर घास होने के बावजूद मैच के नतीजे का मुख्य कारण परिस्थितियां हो सकती हैं, खासकर बादलों और रोशनी के तहत। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, एडिलेड की पिच ने हमेशा गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच शानदार मुकाबला देखने का मौका दिया है।

भारत के सामने चुनौती,बारिश डाल सकती है अपनी मसाला

6 दिसंबर को एडिलेड में मौसम खराब रहने की संभावना है। पहले दिन गरज के साथ बारिश होने के 88% तक चांस हैं। बारिश के कारण मैच के पहले सत्र में खेल प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, गीली आउटफील्ड के चलते गेंदबाजों को अधिक स्विंग और सीम मिलने की संभावना है।
पिछले दौरे में भारत ने एडिलेड टेस्ट की हार के बावजूद श्रृंखला जीतकर इतिहास रचा था। इस बार भी टीम के पास चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद दमदार प्रदर्शन करने का मौका है। पिच और मौसम की स्थिति को देखते हुए यह मैच गेंदबाजों के लिए अहम हो सकता है। अब देखना यह होगा कि भारत गुलाबी गेंद के खिलाफ किस तरह की रणनीति अपनाता है।

एडिलेड डे-नाइट टेस्ट का पिच और मौसम का हाल बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। जहां पिच पर घास और रोशनी गेंदबाजों को मदद करेगी, वहीं बारिश मैच को प्रभावित कर सकती है। इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम से एक मजबूत वापसी की उम्मीद की जा रही है।