Border-Gavaskar Trophy: ब्रिसबेन के गाबा मैदान का नाम सुनते ही हर क्रिकेट प्रेमी के मन में रोमांच भर जाता है। यह मैदान भारतीय क्रिकेट इतिहास में खास भूमिका निभाता आया है। गाबा की तेज और उछालभरी पिच हमेशा से बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। भारतीय टीम ने इस मैदान पर कई ऐतिहासिक मुकाबले खेले हैं, लेकिन यहां खेलते समय विपक्षी टीम की तेज गेंदबाजी का दबदबा देखने को मिला है। ऐसे में भारतीय कप्तानों के लिए यहां बड़ी पारी खेलना हमेशा मुश्किल भरा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाबा में भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक कप्तान ने शतक लगाने का कारनामा किया है?

 

सौरव गांगुली का 2003 पे गाबा पे ऐतिहासिक शतक

Sourav Ganguly

सौरव गांगुली, जिन्हें भारतीय क्रिकेट का “दादा” कहा जाता है, ने 2003 में गाबा के ऐतिहासिक मैदान पर एक अविस्मरणीय पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (Border-Gavaskar Trophy) के पहले टेस्ट मैच में, जब भारतीय टीम दबाव में थी, गांगुली ने अपने शानदार शतक (144 रन) के जरिए टीम को स्थिरता प्रदान की। यह पारी सिर्फ रन बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं थी, बल्कि इसने भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आत्मविश्वास से भर दिया। गांगुली का यह शतक तेज गेंदबाजों के खिलाफ शानदार तकनीक और धैर्य का प्रतीक था।

 

गाबा में भारतीय कप्तानों का संघर्ष

Border-Gavaskar Trophy

Border-Gavaskar Trophy: ब्रिसबेन की उछालभरी पिच पर भारतीय कप्तानों के लिए प्रदर्शन करना हमेशा कठिन रहा है। यहां पर अच्छे गेंदबाज बल्लेबाजों को अक्सर परेशान करते हैं। सौरव गांगुली से पहले और उनके बाद भी, कई भारतीय कप्तानों ने इस मैदान पर बल्लेबाजी की, लेकिन कोई भी कप्तान शतक नहीं लगा सका। गांगुली का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है, जो उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी क्षमता की गहराई को दर्शाता है।

गांगुली का गाबा में बनाया गया यह शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में खास जगह रखता है। इस पारी ने न केवल टीम इंडिया को मुश्किल हालात से उबारा, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय खिलाड़ी विदेशों में भी अपना लोहा मनवा सकते हैं। गांगुली की यह पारी हर युवा क्रिकेटर को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में संयम और कौशल के साथ खेलने की प्रेरणा देती है।

 

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