Border-Gavaskar Trophy
Border-Gavaskar Trophy

भारतीय क्रिकेट इतिहास में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का अपना एक अलग महत्व है। यह ट्रॉफी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है। इस प्रतियोगिता में प्रदर्शन करना हर खिलाड़ी के लिए गर्व की बात होती है। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया की तेज और चुनौतीपूर्ण पिचों पर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीतना, किसी भी खिलाड़ी के करियर में खास मुकाम साबित होता है। अब तक दो भारतीय खिलाड़ियों ने यह उपलब्धि हासिल की है –

सचिन तेंदुलकर :

Border-Gavaskar Trophy

1999/2000 की Border-Gavaskar Trophy भारतीय टीम के लिए मुश्किलों से भरी हुई थी, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। तीन टेस्ट मैचों की इस सीरीज में तेंदुलकर ने 116.50 की शानदार औसत से 278 रन बनाए।
सचिन ने सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में मेलबॉर्न में 116 रनों की यादगार पारी खेली, जो कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ एक मास्टरक्लास था। सचिन का यह प्रदर्शन ऐसे समय पर आया, जब भारतीय टीम मुश्किल स्थिति में थी। उनकी बल्लेबाजी तकनीक, संयम और शॉट्स की विविधता ने उन्हें सीरीज का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनाया।

चेतेश्वर पुजारा:

Border-Gavaskar Trophy

2018/2019 की Border-Gavaskar Trophy भारतीय टीम के लिए ऐतिहासिक रही, क्योंकि भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती। इस जीत के सबसे बड़े हीरो थे चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन किया। पुजारा ने चार मैचों की इस सीरीज में 74.42 की औसत से 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल थे।
उनकी सबसे खास पारी एडिलेड टेस्ट में आई, जहां उन्होंने 123 रन बनाकर भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। इसके अलावा, मेलबर्न टेस्ट में उनकी 106 रनों की पारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। पुजारा की इस सीरीज में सबसे बड़ी खासियत उनकी बल्लेबाजी में धैर्य और तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनकी मजबूती रही।

ऑस्ट्रेलिया में मैन ऑफ द सीरीज जीतना क्यों है खास?

ऑस्ट्रेलिया की पिचें हमेशा से तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रही हैं। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों के लिए वहां प्रदर्शन करना और मैन ऑफ द सीरीज जीतना बड़ी उपलब्धि है। सचिन तेंदुलकर और चेतेश्वर पुजारा ने अपने-अपने समय में न केवल भारतीय टीम को मजबूत किया बल्कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की क्षमताओं का लोहा भी मनवाया।
इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन आने वाले क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा है। Border-Gavaskar Trophy में ऐसे लम्हे भारतीय क्रिकेट इतिहास का अहम हिस्सा बने रहेंगे।

ये भी पढ़े:- IPL Auction से पहले चमकी Bhuvneshwar Kumar की किस्मत, इस टीम के बनाए गए नए कप्तान