काजू की खेती (Cashew Cultivation): कम जोखिम, ज़्यादा मुनाफ़ा! अगर आप कम रिस्क वाला, ज़्यादा मुनाफ़े वाला बिज़नेस ढूंढ रहे हैं, तो काजू की खेती बेस्ट ऑप्शन है। हर मौसम में इसकी माँग रहती है, बच्चे-बूढ़े सभी इसे पसंद करते हैं। गाँव से शहर तक, हर जगह इसकी डिमांड है। आजकल खेती में नए तरीके आ रहे हैं, जो मुनाफ़ा बढ़ाते हैं। तो सोचिये मत, काजू की खेती (Cashew Cultivation) शुरू कीजिये!

किसान अब नकदी फसलें उगा रहे, सरकार का भी सहयोग है, पेड़ लगाकर अच्छी कमाई।

काजू की खेती(Cashew Cultivation):

Cashew Cultivation
Cashew Cultivation

काजू एक लोकप्रिय सूखे मेवे है, जिसे लोग बहुत पसंद करते हैं। काजू का पेड़ 14 से 15 मीटर लंबा होता है और यह 3 साल में फल देना शुरू कर देता है। काजू के साथ-साथ इसके छिलकों का भी उपयोग होता है, जो पेंट और लुब्रिकेंट बनाने में काम आते हैं। इसे उगाने के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा रहता है। काजू की खेती (Cashew Cultivation) लाल बलुई दोमट मिट्टी में सबसे सफल मानी जाती है।

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काजू की खेती कहाँ होती है ?(Where is cashew cultivation?)

Cashew Cultivation
Cashew Cultivation

भारत में काजू का कुल उत्पादन का 25 फीसदी हिस्सा आता है। इसकी खेती केरल, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तामिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होती है। अब झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी हो रही है।

काजू से कितनी कमाई होगी?

Cashew Cultivation
Cashew Cultivation

काजू के पौधे लगाने के बाद ये कई सालों तक फल देते हैं। शुरुआत में पौधों को लगाने पर खर्च होता है। एक हेक्टेयर में 500 काजू के पेड़ लगाए जा सकते हैं। हर पेड़ से लगभग 20 किलो काजू मिलता है, जिससे एक हेक्टेयर में 10 टन काजू की पैदावार होती है। प्रोसेसिंग में भी खर्च आता है, लेकिन बाजार में काजू की कीमत 1200 रुपये प्रति किलो है। ज्यादा पौधे लगाकर आप अमीर बन सकते हैं।

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