भारतीय क्रिकेट में एक और युग का अंत हो गया है। एक अनुभवी खिलाड़ी, जिसने अपनी बेहतरीन विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी से टीम इंडिया केलिए बहुत अच्छा खेले हैं, अब क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुका है। घरेलू क्रिकेट में अपने आखिरी मैच के दौरान, उन्हें एक यादगार विदाई मिली। उनके करियर की आखिरी पारी भले ही खास न रही हो, लेकिन उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रहेगा।
रिद्धिमान साहा ने क्रिकेट को कहा अलविदा
भारत के अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने पंजाब के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में अपना आखिरी मुकाबला खेला, जिसमें बंगाल ने एक पारी और 17 रनों से जीत दर्ज की। हालांकि, साहा इस मैच में खाता भी नहीं खोल सके, लेकिन उनकी टीम ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर शानदार विदाई दी।
40 वर्षीय साहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि यह उनका आखिरी घरेलू सीजन होगा। उन्होंने लिखा था, “यह सीजन मेरे क्रिकेट करियर का अंतिम होगा। मैं बंगाल के लिए आखिरी बार रणजी ट्रॉफी खेल रहा हूं। इसे यादगार बनाना चाहता हूं!”
रिद्धिमान साहा की शानदार करियर
रिद्धिमान साहा ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 1,353 रन (औसत 29.41) और 41 रन बनाए। उनके टेस्ट करियर में तीन शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं।
घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन और भी शानदार रहा। साहा ने 141 प्रथम श्रेणी मैचों में 7,169 रन (औसत 48.68) बनाए, जिसमें 14 शतक और 44 अर्धशतक शामिल हैं।
आईपीएल में भी साहा (Wriddhiman Saha) का करियर खास रहा। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, पंजाब किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला। उनका सबसे यादगार प्रदर्शन 2014 के आईपीएल फाइनल में आया, जब उन्होंने पंजाब किंग्स के लिए शानदार शतक लगाया था।
महेंद्र सिंह धोनी के बाद भारत के टेस्ट विकेटकीपर के रूप में अपनी जगह बनाने वाले साहा को ऋषभ पंत के उभरने के बाद टीम से बाहर होना पड़ा, लेकिन उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार अपनी छाप छोड़ी। अब, जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, तो उनका योगदान भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद रखा जाएगा।
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