क्रिकेट का असली टेस्ट रेड बॉल क्रिकेट कहलाता है, जहां खिलाड़ियों की क्षमता और संयम को परखा जाता है। लेकिन हाल के समय में, टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज Virat Kohli अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। उनकी काबिलियत पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन बल्ले की खामोशी उनके टेस्ट आंकड़ों को प्रभावित कर रही है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में Virat Kohli ने पिछले 23 पारियों में केवल एक शतक बनाया है और सिर्फ तीन बार 50 रन का आंकड़ा पार किया है। वहीं, स्टीव स्मिथ, जो रूट और केन विलियमसन लगातार अच्छे रन बना रहे हैं।
Virat Kohli के प्रदर्शन में गिरावट का संकेत उनके टेस्ट क्रिकेट के बैटिंग औसत से मिलता है। भारत में उनका औसत 50 से ऊपर है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में यह 46.72, साउथ अफ्रीका में 49.50, श्रीलंका में 43.77 और वेस्टइंडीज में 44 तक गिर गया है।
दूसरी ओर, फैब-4 के स्टीव स्मिथ, जो रूट और केन विलियमसन का रिकॉर्ड इससे बेहतर है। स्टीव स्मिथ का औसत 7 देशों में 50 से ऊपर है, जबकि जो रूट और केन विलियमसन का 6 देशों में।
स्मिथ ने वेस्टइंडीज में सबसे अधिक 141.5 की औसत से रन बनाए हैं। श्रीलंका में उनका औसत 59.88, ऑस्ट्रेलिया में 59.7, पाकिस्तान में 56.5, इंग्लैंड में 55, न्यूजीलैंड में 52.16 और भारत में 50.31 है।
जो रूट और केन विलियमसन के आंकड़ों पर नजर डालें, तो रूट का सर्वश्रेष्ठ बैटिंग औसत श्रीलंका में 65.5 है। वहीं, उन्होंने यूएई में 57.4, इंग्लैंड में 54.94, वेस्टइंडीज में 51.5, न्यूजीलैंड में 50.3 और साउथ अफ्रीका में 50.21 का औसत बनाया है।
दूसरी ओर, केन विलियमसन ने पाकिस्तान में 138.5, जिम्बाब्वे में 97.25, न्यूजीलैंड में 66.77, यूएई में 64.7, बांग्लादेश में 55.57 और वेस्टइंडीज में 51.33 का औसत दर्ज किया है। Virat Kohli 12 साल बाद घरेलू क्रिकेट खेलकर अपनी टेस्ट फॉर्म हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।