Kisan Pehchaan Patra :भारत में कृषि के प्रधानता होने के कारण यहां कृषि के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाते हैं, जिससे उत्पादकता बढ़े एवं किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हो। भारत सरकार इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए एक पहचान पत्र अर्थात आईडी कार्ड बनाने जा रही है। भारत में डिजिटल आईडी कार्ड के आने से बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसे किसानों के आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। यदि आप इस आईडी के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे की पूरी जानकारी पढें।

11 करोड़ किसानों को मिलेगी डिजिटल आईडी

Kisan Pehchaan Patra
Kisan Pehchaan Patra

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) को किसानों के लिए Kisan Pehchaan Patra को जारी करने के लिए कहा गया है। यह एक ऐसा पत्र या आईडी होगा, जिसमें किसानों के आधार कार्ड को उनके कृषि कार्य के रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना एवं कृषि के क्षेत्र में वृद्धि करना है। सरकार द्वारा इस आईडी की मदद से किसानों के कार्य से संबंधित लेखा-जोखा का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

11 करोड़ किसानों को मिलेगी Kisan Pehchaan Patra

केंद्रीय सरकार के इस पहल के तहत सरकार 11 करोड़ किसानों को डिजिटल पहचान पत्र (Kisan Pehchaan Patra)प्रोवाइड करवाना है। इसके अंतर्गत कुल 6 करोड़ किसानों को आने वाले वित्तीय वर्ष यानी कि 2024-25 में और 3 करोड़ को वित्त वर्ष 2025-26 में यह कॉर्ड प्रोवाइड करवाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ बाकी बचे 2 करोड़ किसानों को वित्तीय वर्ष 2026-27 में कार्ड देने की बात कही गई है। इस तरह देखा जाए तो सरकार की पूरी योजना बनी है, जिसके तहत सभी किसानों को उनकी पहचान आईडी दे दी जाएगी। इस आईडी को प्राप्त करने के बाद किसानों को कई लाभ भी मिलेंगे, जो केंद्र सरकार आगे आने वाले समय में उन्हें मुहैया करवाने वाली है।

कैंप-मोड रजिस्ट्रेशन अप्रोच अपनाने की होगी बात

Kisan Pehchaan Patra
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सरकार द्वारा शुरू किए गए इस पहल के अंतर्गत किसानों को उनकी पहचान आईडी दी जाएगी, जिसमें सभी जरूरी जानकारी की डिजिटल रिकॉर्ड रखी जाएगी। आधार-लिंक्ड डिजिटल आइडेंटिटी के रूप में जाना जाने वाले इस डिजिटल आइडेंटी कार्ड में डेमोग्राफिक डिटेल्स के साथ-साथ उगाई जाने वाली फसलों और जमीन के मालिक की जानकारी से संबंधित डाटा को सम्मिलित किया जाएगा। खेत में किसानों द्वारा बोए गए फसलों की जानकारी भी रिकॉर्ड की गई होगी।

कैंप-मोड रजिस्ट्रेशन अप्रोच अपनाएंगे किसान

सरकार द्वारा किसानों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया गया है कि वे कैंप-मोड रजिस्ट्रेशन अप्रोच को अपनाए। इसी साल 28 नवंबर को कृषि मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को पत्र भी भेजा गया। कृषि मंत्रालय किसानों के लिए उनके आईडी से कृषि रजिस्ट्री भी तैयार करेगी। यह एग्री स्टेट का महत्वपूर्ण हिस्सा होगी। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इसे मंजूरी भी दे दी गई है। भारत के कई राज्यों खास तौर पर गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी इस आईडी को बनाने का कार्य जारी है। इसके साथ ही उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और असम में रिसर्च चल रहे हैं।

प्रत्येक शिविर के लिए मिलेगी ₹15,000 प्रोत्साहन राशि

केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा प्रत्येक राज्य को यह निर्देश दिया गया है कि वे शिविर लगाएं और किसानों को इसकी जानकारी प्रोवाइड करें। इससे किसान इस आईडी और पात्रता से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे और अवेयर होंगे। प्रत्येक राज्य को सरकार द्वारा शिविर लगाने के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करने की बात कही गई है। यह राशि ₹15,000 प्रति शिविर के लिए होगी। प्रत्येक किसान आईडी पर केंद्र सरकार ₹10 का अतिरिक्त प्रोत्साहन भी देने वाली है। बता दें कि इस प्रोत्साहन राशि को प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के बजट से दिया जाएगा।

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