न्यूजीलैंड क्रिकेट से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया है। कीवी टीम के इस धुरंधर खिलाड़ी ने अपने करियर को विराम देने का फैसला किया है। उनके इस फैसले से फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों को भी हैरानी हुई है। 14 साल लंबे करियर के बाद उन्होंने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया है।
Martin Guptill ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा
न्यूजीलैंड के महान बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल (Martin Guptill) ने 38 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया है। गप्टिल, जो न्यूजीलैंड क्रिकेट के सबसे शानदार बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं, ने 14 साल के लंबे करियर में कुल 367 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 23 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए और अपनी टीम को कई यादगार जीत दिलाई।
गप्टिल (Martin Guptill) ने अपने टी20 करियर को न्यूजीलैंड के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज के रूप में समाप्त किया। उन्होंने 122 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 3,531 रन बनाए। वनडे क्रिकेट में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा, जहां उन्होंने 7,346 रन बनाए और न्यूजीलैंड के लिए वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में तीसरे स्थान पर रहे। उनसे आगे सिर्फ रॉस टेलर और स्टीफन फ्लेमिंग हैं। टेस्ट क्रिकेट में गप्टिल ने 47 मैचों में 2,586 रन बनाए।
गप्टिल (Martin Guptill) ने 2009 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी और अपने पहले ही मैच में शतक जड़कर इतिहास रच दिया था। वह अपने डेब्यू वनडे मैच में शतक लगाने वाले न्यूजीलैंड के पहले बल्लेबाज बने थे। हालांकि मौजूदा समय में उनका फॉर्म भी कुछ खास नहीं रहा वो टीम में जगह ना बना पाए तो अब आखिरकार रिटायरमेंट लेलिया।
Martin Guptill ने दी भावुक विदाई संदेश
संन्यास की घोषणा करते हुए गप्टिल ने कहा, “एक युवा बच्चे के रूप में मेरा सपना न्यूजीलैंड के लिए खेलने का था और मुझे गर्व है कि मैंने अपने देश के लिए 367 मैच खेले। मैं उन यादों को हमेशा संजोकर रखूंगा, जो मैंने सिल्वर फर्न की जर्सी पहनकर बनाई हैं।”
उन्होंने अपने कोच मार्क ओ’डॉनेल और अपने मैनेजर लियान मैकगोल्ड्रिक का भी आभार व्यक्त किया। गप्टिल ने अपनी पत्नी लौरा और बच्चों का भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके क्रिकेट करियर के दौरान हमेशा उनका साथ दिया।
गप्टिल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उनके योगदान और उपलब्धियों को हमेशा याद किया जाएगा।