मार्वन अटापटू (Marvan Atapattu) ने 6 साल में सिर्फ 1 रन बनाया
श्रीलंकाई क्रिकेट ने कई महान खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जैसे मुथैया मुरलीधरन, कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने, सनथ जयसूर्या और अर्जुन रणतुंगा। इन खिलाड़ियों ने अपने खेल से विश्व क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। लेकिन एक और खिलाड़ी हैं, मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu), जो श्रीलंका के पूर्व कप्तान रह चुके हैं। उन्होंने 2004 में अपनी कप्तानी में श्रीलंकाई टीम को एशिया कप का खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दो साल बाद भी Marvan Atapattu फ्लॉप रहे
1992 में, दो साल बाद, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो टेस्ट में मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu) को फिर से खेलने का मौका मिला। लेकिन दुर्भाग्य से, उन्होंने अपने करियर के दूसरे टेस्ट में पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में केवल 1 रन बनाया। ऐसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा। फिर भी, अटापट्टू ने हार नहीं मानी। 1996 में उन्हें एक और मौका मिला, और इस बार उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और आगे बढ़ते गए।
18वें टेस्ट में पहला शतक
मार्वन अटापट्टू (Marvan Atapattu) ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक 18वें टेस्ट में 1997 में मोहाली में बनाया। इस शानदार शतक के बाद, वह लगातार श्रीलंकाई टीम का हिस्सा बन गए। 1997-98 के सीजन में, अटापट्टू ने टेस्ट मैचों में 695 रन बनाकर श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज का खिताब हासिल किया।
करियर में 6 दोहरे शतक
अट्टापट्टू (Marvan Atapattu) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद अपने दोहरे शतकों के बारे में बात करते हुए खुद को लालची बल्लेबाज कहा। उन्होंने क्रिकेट मंथली को दिए इंटरव्यू में बताया कि दोहरे शतक बनाने का कारण बल्लेबाजी का आनंद लेना था। साथ ही, उन्होंने कहा कि करियर की शुरुआत में शून्य बनाने के बाद यह सोच थी कि अगर शुरुआत मिले, तो उसे पूरी तरह से भुनाना चाहिए और बड़ी पारी खेलनी चाहिए।
अटापट्टू (Marvan Atapattu) ने टेस्ट क्रिकेट में 90 मैचों में 5502 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 37.52 रहा। उन्होंने 6 बार दोहरा शतक भी लगाया। वनडे में अटापट्टू ने 268 मैचों में 8529 रन बनाए, जिसमें 11 शतक और 59 अर्धशतक थे।
Marvan Atapattu ने अपने करियर में 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले, जिसमें उन्होंने 5 रन बनाए। उनका आखिरी टेस्ट और वनडे मैच 2007 में खेला गया।