ऑर्किड के फूलों (orchid farming) की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बहुत है। शादी या किसी विशेष कार्यक्रम की सजावट में इनका इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही, ऑर्किड से बने उत्पाद भी बाजार में लोकप्रिय हैं।

ऑर्किड की खेती (Orchid Farming) से करोड़पति बनें, आज ही शुरू करें!

Orchid Farming
Orchid Farming

इन फूलों की मांग ही नहीं, बल्कि कीमत भी ऊंची रहती है। सिर्फ एक एकड़ ज़मीन पर ऑर्किड की खेती शुरू करके किसान करोड़पति बन सकते हैं। यह एक लाभदायक व्यवसाय है।

ऑर्किड के फूल (orchid farming) बहुत खूबसूरत होते हैं और ये ऑर्किडेसी परिवार से आते हैं। दुनियाभर में इनकी 700 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इनका इस्तेमाल हर्बल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद और वेनिला बनाने में होता है। थाईलैंड इन फूलों का सबसे बड़ा उत्पादक है। किसान इनकी खेती कर करोड़पति बन सकते हैं। ये फूल न केवल सुंदर हैं, बल्कि आर्थिक लाभ भी देते हैं।

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ऑर्किड की खेती में इन बातों का विशेष ध्यान रखें

Orchid Farming
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इन फूलों की खेती के लिए एक सुरक्षित वातावरण चाहिए। इसके लिए ग्रीन नेट से शेड हाउस बनाना जरूरी है। शेड में वेंटिलेशन के लिए 20 से 30 सेंटीमीटर पर छेद करना चाहिए, ताकि हवा का प्रवाह ठीक से हो सके।इसके अलावा छाया के लिए घर का निर्माण भी किया जा सकता है।शेड तैयार होने के बाद पौधों के बेंच लगाने के लिए कंक्रीट के ढेर बनाए जाते हैं। इनकी ऊँचाई 60 सेंटीमीटर और मोटाई 1.5×1.5 इंच होनी चाहिए। ढेरों के बीच में स्टील पाइप या पानी का पाइप लगाएं, और दो ढेरों के बीच कम से कम 80 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

इन फूलों की खेती के लिए 18 से 28 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा है। इसके अलावा, शेड में आद्रता 70 से 80 प्रतिशत होनी चाहिए। अगर आप एक एकड़ में ऑर्किड की खेती कर रहे हैं, तो लगभग 45,000 ऑर्किड लगाए जा सकते हैं। इन पौधों को बाजार से खरीद कर प्रचारित करके लगाया जा सकता है। यह खेती लाभदायक हो सकती है।

मिट्टी में ये फूल नहीं उगते, इसलिए आपको ईंट, टाइल, चारकोल और नारियल की भूसी से मिक्स्चर बनाना होगा। पौधों के लिए 25 सेंटीमीटर के छोटे कंटेनर का उपयोग करें और आर्किड पॉटिंग मिक्स का प्रयोग करें।

पौधों को सामान्य तापमान का पानी देना चाहिए। सिंचाई के लिए ओवरहेड स्प्रिंकलर का उपयोग करें। पौधे रोपने के बाद कम से कम तीस दिन के भीतर खाद डालना आवश्यक है। कीटों और बीमारियों की पहचान करना और उनका सही समय पर प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। फसल की कटाई दिन में न करें, बल्कि शाम को, जब फूल पूरी तरह खुले हों, तब करें।

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