LED क्या है इसके मुख्य उपयोग, सिद्धांत | प्रकाश उत्सर्जक डायोड की संरचना, परिभाषा

LED क्या है (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) LED एक अत्यधिक अपमिश्रित pn संधि डायोड होती है। जो अग्र दिशिक में विकिरणों का उत्सर्जन करती है। इस प्रकार की युक्ति को प्रकाश उत्सर्जक डायोड अथवा LED (light emitting diode in Hindi) कहते हैं।यह डायोड पारदर्शी आवरण से बंद होता है जिससे कि उत्सर्जित विकिरण (प्रकाश) बाहर आ …

PN संधि डायोड पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में क्या है, कार्यविधि, परिपथ आरेख

वह परिपथ जिसमें दो संधि डायोड का उपयोग करके एक ऐसी परिपथ की व्यवस्था की जाती है जिससे धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों ही अर्ध चक्रों के दौरान निर्गत वोल्टता प्राप्त होती है तब इस प्रकार के परिपथ को पूर्ण तरंग दिष्टकारी कहते हैं। pn संधि डायोड पूर्ण तरंग दिष्टकारी के रूप में पूर्ण तरंग दिष्टकारी …

pn संधि डायोड अर्ध तरंग दिष्टकारी के रूप में क्या है, कार्यविधि,‌ आवश्यकता

यदि किसी डायोड के सिरों पर कोई प्रत्यावर्ती वोल्टता प्रयुक्त की जाए, तो परिपथ में चक्र के केवल उसी भाग में धारा प्रभावित होगी। जब डायोड अग्र अभिनत है। डायोड के इस गुण के कारण ही इसका उपयोग प्रत्यावर्ती वोल्टता के दिष्टकारण करने में किया जाता है। pn संधि डायोड अर्ध तरंग दिष्टकारी के रूप …

पीएन संधि डायोड क्या है, अग्र और पश्च अभिनति | PN junction diode in Hindi

pn संधि डायोड जब एक p टाइप अर्धचालक क्रिस्टल को किसी विशेष विधि द्वारा n टाइप क्रिस्टल के साथ जोड़ दिया जाता है। तब इस प्रकार के संयोजन को pn संधि डायोड (pn junction diode in Hindi) कहते हैं। किसी pn संधि के निर्माण के समय दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं होती हैं। विसरण और अपवाह।p टाइप …

n और p टाइप अर्धचालक क्या होता है समझाइए, परिभाषा, रचना

अर्धचालक कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में हम पढ़ चुके हैं। अर्धचालक का एक प्रकार अशुद्ध अथवा अपद्रव्यी अर्धचालक होता है। कुछ किताबों में इसे बाह्य अर्धचालक के नाम से भी जाना जाता है।बाह्य अथवा अपद्रव्यी अर्धचालक दो प्रकार के होते हैं।1. n टाइप अर्धचालक2. p टाइप अर्धचालक n टाइप अर्धचालक जब किसी …

नाभिक अध्याय नोट्स | Physics class 12 chapter 13 notes in Hindi

नाभिक क्या है रदरफोर्ड ने ɑ-कण पर प्रकीर्णन के प्रयोगों के अध्ययन द्वारा यह ज्ञात किया कि परमाणु का समस्त धन आवेश 10-15 मीटर की कोटि के एक सूक्ष्म स्थान पर संकेन्द्रित रहता है। जिसे परमाणु का नाभिक कहते हैं।नाभिक में न्यूट्रॉन तथा प्रोटोन उपस्थित रहते हैं। एवं इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो और निश्चित कक्षाओं …

नाभिकीय बल क्या है दुर्बल तथा प्रबल बल के गुण, nuclear forces in Hindi

यह तो हम पढ़ चुके ही हैं कि नाभिक में धन आवेशित प्रोटॉन तथा आवेशहीन न्यूट्रॉन एक साथ रहते हैं। अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि नाभिक के भीतर कोई एक ऐसा प्रबल आकर्षण बल कार्यरत है जो न्यूट्रॉन को प्रोटॉन से, प्रोटॉन को प्रोटोन से तथा न्यूट्रॉन को न्यूट्रॉन से आपस में बांधे …

नाभिक की संरचना, आकार, आकृति तथा नाभिकीय घनत्व क्या है

प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम नाभिक की संरचना और नाभिक का आकार एवं आकृति तथा नाभिकीय घनत्व के बारे में अध्ययन करेंगे और इसको आसानी से समझने के लिए उदाहरणों का भी प्रयोग करेंगे। नाभिक की संरचना रदरफोर्ड में ɑ-कण प्रकीर्णन के प्रयोग के अध्ययन द्वारा यह पता लगाया कि किसी परमाणु का समस्त धन …

रेडियोएक्टिव पदार्थ की सक्रियता क्या है खोज, सिद्धांत, इकाई, रेडियो सक्रियता

रेडियो सक्रियता किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के क्षय होने की दर को उस पदार्थ की सक्रियता (activity of radioactive substances in Hindi) कहते हैं। इसे R से प्रदर्शित करते हैं। रेडियोएक्टिव क्षय के संबंध में रदरफोर्ड-सोडी के नियम के अनुसार,किसी क्षण रेडियोएक्टिव पदार्थ के क्षय होने की दर, उस क्षण पदार्थ में बचे शेष परमाणुओं के …

रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध आयु से क्या तात्पर्य है, औसत आयु, क्षय नियतांक में संबंध

रेडियोएक्टिव पदार्थ क्या होते हैं एवं रेडियोएक्टिव क्षय का नियम के बारे में हम पिछले दो लेख में अच्छे से पढ़ चुके हैं। प्रस्तुत लेख के अंतर्गत हम रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध आयु, औसत आयु तथा क्षय नियतांक में संबंध का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे। रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध आयु वह समय अंतराल जिसमें उसके जनक …