भारतीय क्रिकेट (Team India) के उभरते सितारे पृथ्वी शॉ को कभी अगला सचिन तेंदुलकर कहा जाता था। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और शानदार तकनीक ने उन्हें कम उम्र में ही प्रसिद्धि दिला दी। लेकिन समय के साथ उनकी फिटनेस, अनुशासनहीनता और कई विवादों ने उनके करियर को बुरी तरह प्रभावित किया।
शानदार शुरुआत लेकिन अनुशासन की कमी

पृथ्वी शॉ ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार डेब्यू किया और पहले ही मैच में शतक जड़ दिया। उनकी तकनीक और आक्रामकता को देखकर सभी को लगा कि वह भारतीय क्रिकेट (Team India) का भविष्य बन सकते हैं। लेकिन समय के साथ उन्होंने अपने अनुशासन और फिटनेस पर ध्यान नहीं दिया। मैदान के बाहर उनकी गतिविधियों को लेकर कई बार सवाल उठे, जिससे उनका करियर पटरी से उतरने लगा।
फिटनेस और फॉर्म की लगातार गिरावट

पृथ्वी शॉ की सबसे बड़ी समस्या उनकी फिटनेस रही है। भारतीय टीम (Team India) के मौजूदा सेटअप में खिलाड़ियों से बेहतरीन फिटनेस की उम्मीद की जाती है, लेकिन शॉ इस मामले में पिछड़ गए। खराब फिटनेस के कारण उनका प्रदर्शन भी गिरने लगा। आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में भी उनकी फॉर्म लगातार अस्थिर रही, जिससे उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया।
विवादों ने बढ़ाई मुश्किलें

फिटनेस और फॉर्म के अलावा पृथ्वी शॉ कई विवादों में भी फंसे। 2019 में उन्हें डोपिंग के कारण बीसीसीआई ने कुछ महीनों के लिए बैन कर दिया था। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर उनके कई विवाद सामने आए, जिसमें नाइट क्लब में झगड़ा और अन्य विवादस्पद घटनाएं शामिल थीं। इन सब घटनाओं ने उनकी छवि को खराब किया और उनके करियर को और नुकसान पहुंचाया।
पृथ्वी शॉ के पास जबरदस्त टैलेंट था, लेकिन अनुशासन की कमी, खराब फिटनेस और विवादों ने उनके करियर को बर्बाद कर दिया। अगर वह फिर से भारतीय टीम में जगह बनाना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी फिटनेस और अनुशासन पर विशेष ध्यान देना होगा। वरना उनका करियर जल्द ही खत्म हो सकता है।