Team India: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा ने अपने क्रिकेट करियर के अंत की घोषणा कर दी है। रणजी ट्रॉफी 2024 के बाद वे क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। उनके इस निर्णय ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों को छू लिया है। साहा, जो भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक मजबूत स्तंभ साबित हुए हैं, ने यह निर्णय अपनी उम्र और भविष्य के विकल्पों को ध्यान में रखते हुए लिया है।

ऋद्धिमान साहा को उनके उत्कृष्ट विकेटकीपिंग कौशल और संघर्षपूर्ण बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है। साहा ने भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और टेस्ट क्रिकेट में कई मैचों में अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाई है। उनके शानदार विकेटकीपिंग कौशल और मैदान पर उनकी ऊर्जा ने उन्हें भारतीय टीम में लंबे समय तक टिकाए रखा। खासकर जब एम.एस. धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तो साहा ने विकेटकीपर की भूमिका को शानदार तरीके से संभाला।

रणजी ट्रॉफी 2024 में अंतिम योगदान

Wriddhiman Saha
Wriddhiman Saha

साहा का निर्णय रणजी ट्रॉफी 2024 के बाद संन्यास लेने का है, जो उनके करियर का अंतिम अध्याय साबित होगा। उन्होंने अपने घरेलू क्रिकेट टीम के साथ अंतिम सत्र खेलने का फैसला किया है, ताकि वे अपने करियर को शानदार तरीके से समाप्त कर सकें। इस ट्रॉफी में भी वे अपनी टीम के लिए अंतिम बार अपना बेहतरीन प्रदर्शन देने का प्रयास करेंगे। रणजी ट्रॉफी में साहा का अनुभव और उनके नेतृत्व का फायदा युवा खिलाड़ियों को मिलेगा।

Team India: भारतीय क्रिकेट में साहा का योगदान

ऋद्धिमान साहा ने अपने 15 साल से अधिक लंबे करियर में 40 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1,300 से अधिक रन बनाए और चार शतक व छह अर्धशतक लगाए। साहा ने अपने टेस्ट करियर में 92 कैच पकड़े और 12 स्टंपिंग कीं, जो उनके बेहतरीन विकेटकीपिंग कौशल को दर्शाता है। उनकी विरासत आने वाले विकेटकीपरों को प्रेरित करती रहेगी, जो भारतीय क्रिकेट में साहा के योगदान को आगे बढ़ाएंगे। साहा का संन्यास भारतीय क्रिकेट में एक युग के अंत को दर्शाता है, और उनके इस निर्णय का सम्मान किया जाएगा।