Shubman Gill : भारतीय क्रिकेट टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में शुभमन गिल (Shubman Gill) की अनुपस्थिति पर सफाई दी है। नायर ने टीम मैनेजमेंट के फैसले को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं, जो इस मुकाबले में गिल की गैरमौजूदगी के पीछे का कारण बन गईं। इस फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है क्योंकि गिल एक बड़े नाम है । लेकिन नायर के अनुसार, यह फैसला शुभमन के फॉर्म या क्षमता पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि यह रणनीतिक सोच का हिस्सा था।
पिच कंडीशन के आधार पर लिया गया फैसला
अभिषेक नायर ने बताया कि शुभमन गिल (Shubman Gill) को टीम से बाहर करने का फैसला मेलबर्न की पिच की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने पिच को देखकर महसूस किया कि वॉशिंगटन सुंदर रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर टीम को मजबूती दे सकते हैं।” नायर ने स्पष्ट किया कि गिल को ‘ड्रॉप’ नहीं किया गया है, बल्कि टीम कॉम्बिनेशन में जगह नहीं मिल पाई। वॉशिंगटन सुंदर का टीम में शामिल होना बैटिंग और बॉलिंग दोनों में गहराई लाने के लिए किया गया था, जिससे टीम को संतुलन मिल सके।
वॉशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन
इस मैच में सुंदर ने गेंद और बल्ले से अपना प्रभाव छोड़ा। सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब सुंदर ने फॉर्म में चल रहे मार्नस लाबुशेन का विकेट लिया। लाबुशेन ने 72 रन बनाए थे और उनकी पारी टीम इंडिया के लिए खतरनाक साबित हो सकती थी। सुंदर की इस सफलता ने न केवल टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि उनके चयन को भी सही ठहराया।
नायर ने यह भी कहा कि शुभमन गिल (Shubman Gill) इस फैसले को समझते हैं और टीम के साथ उनका सहयोग जारी है। “मुझे शुभमन के लिए बुरा लग रहा है, लेकिन वह इस फैसले को समझते हैं। जब आप टीम का हिस्सा होते हैं तो ऐसे फैसले कभी-कभी लेना जरूरी होता है,” नायर ने जोड़ा। इसके अलावा, मैच के दौरान खिलाड़ियों के बीच हुई एक घटना पर नायर ने कहा कि यह सिर्फ खेल के दौरान उत्पन्न हुई भावनाएं थीं और इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
भारतीय टीम मैनेजमेंट के इस फैसले ने यह साबित किया कि टीम के संतुलन और सामूहिक सफलता के लिए व्यक्तिगत प्रदर्शन से ज्यादा अहमियत दी जाती है।
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