Vaibhav Suryavanshi, बिहार के समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव ताजपुर से आने वाले इस युवा क्रिकेटर ने 13 साल की उम्र में आईपीएल इतिहास रच दिया। राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन के दूसरे दिन उन्हें 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। उनकी बेस प्राइस 30 लाख रुपये थी, लेकिन accelerated राउंड में उनकी बोली ने सबका ध्यान खींचा।
सिर्फ 13 साल की उम्र में इतिहास रचने वाला खिलाड़ी
वैभव को इतनी ऊंची कीमत मिलने के पीछे उनकी हाल की प्रदर्शन की बड़ी भूमिका रही। दो महीने पहले चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ उन्होंने चार दिवसीय मैच में ओपनर के तौर पर शतक (104 रन) लगाया। इस पारी ने उन्हें 13 साल और 187 दिनों की उम्र में शतक बनाने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बना दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड बांग्लादेश के कप्तान नजमुल हसन शंटो के नाम था, जिन्होंने 14 साल और 241 दिन की उम्र में यह कारनामा किया था।
Vaibhav Suryavansh बचपन से दिखाया क्रिकेट का जुनून
वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गांव में हुआ। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनके जुनून ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी, जो खुद एक पूर्व क्रिकेटर हैं, ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनके लिए घर के पिछवाड़े में प्रैक्टिस करने का एक छोटा सा मैदान बनाया। महज 9 साल की उम्र में वैभव को एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलाया गया, जहां उन्होंने अपने कोचों के मार्गदर्शन और मेहनत से तेजी से प्रगति की।
युवा क्रिकेट से लेकर रणजी तक का सफर
12 साल की उम्र में वैभव ने विनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच मैचों में 400 रन बनाए और बिहार क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद नवंबर 2023 में उन्हें आंध्र प्रदेश में हुए चतुष्कोणीय सीरीज के लिए इंडिया बी अंडर-19 टीम में शामिल किया गया। हालांकि, वहां उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने के कारण उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अंडर-23 चयन शिविर में शानदार प्रदर्शन के दम पर वे बिहार की रणजी ट्रॉफी टीम में चुने गए। जनवरी 2024 में मुंबई के खिलाफ पटना में हुए एलीट ग्रुप बी मुकाबले में उन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। यह डेब्यू उन्हें 1986 नसीम उल गनी जो 1986 में 15 साल और 278 दिन की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले उनके बाद सबसे कम उम्र में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने वाला खिलाड़ी बनाता है।
वैभव सूर्यवंशी की कहानी न केवल उनकी प्रतिभा बल्कि उनके समर्पण और मेहनत का भी प्रतीक है। उनकी इस यात्रा ने भारत के हर युवा क्रिकेटर के लिए एक नई प्रेरणा पेश की है।