भारतीय क्रिकेट टीम में हार्दिक पंड्या का नाम न केवल एक शानदार ऑलराउंडर के रूप में बल्कि एक संभावित कप्तान के रूप में भी देखा जाता है। उनके आक्रामक खेल और मैदान पर शांत स्वभाव ने कई बार उनके नेतृत्व कौशल को साबित किया है। लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए टीम की घोषणा में, शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया गया, जबकि Hardik Pandya इस भूमिका से बाहर कर दिया गया।
फिटनेस बना Hardik Pandya का सबसे बड़ा मुद्दा
Hardik Pandya की फिटनेस बीसीसीआई और चयनकर्ताओं के लिए एक बड़ा सवाल बनी हुई है। पंड्या पिछले कुछ वर्षों में लगातार चोटों से जूझते रहे हैं, खासकर कमर और पीठ की चोटों ने उन्हें कई महत्वपूर्ण मैचों से बाहर रखा। यह अनिश्चितता चयनकर्ताओं को उनकी लंबे समय तक उपकप्तानी संभालने की क्षमता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करती है।
हार्दिक टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं, लेकिन उनका चोटिल होना टीम को जोखिम में डाल सकता है। टीम को एक ऐसे उपकप्तान की जरूरत है जो हर मैच में उपलब्ध हो और कप्तान का बोझ कम कर सके।
शुभमन गिल पर भरोसा क्यों?
हार्दिक की जगह गिल को उपकप्तान बनाने का फैसला कई लोगों को चौंका सकता है, क्योंकि शुभमन गिल को उपकप्तान बनाने का फैसला टीम मैनेजमेंट की सोच और प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करता है। गिल भले ही एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं, लेकिन उनमें कप्तानी का अनुभव लगभग न के बराबर है। उनके करियर में अब तक ऐसे मौके नहीं आए हैं जहां उन्होंने बड़ी जिम्मेदारी से ये ऐसे अंतराष्ट्रीय स्तर पर संभाला हो। एक ऐसे टूर्नामेंट में, जहां दबाव बहुत अधिक होता है, गिल की अनुभवहीनता टीम के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।इसके विपरीत, हार्दिक पंड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में गुजरात टाइटंस को ट्रॉफी जिताई है और अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी वह कप्तान के रूप में अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं। ऐसे में गिल को उपकप्तानी देना अनुभव और प्रदर्शन के बजाय भविष्य की सोच पर आधारित फैसला लगता है, जो भारत के चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में जीत की संभावना को कमजोर कर सकता है।
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