भारतीय क्रिकेट टीम के नए गेंदबाजी कोच के चयन में बड़ा विवाद सामने आया है। हाल ही में मॉर्ने मॉर्केल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन यह पद एक और दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को मिलने वाला था। गौतम गंभीर के एक फैसले ने सबकुछ बदल दिया। इस फैसले से भारतीय क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों के बीच चर्चा छिड़ गई है।
Zaheer Khan थे पहले पसंद
टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान (Zaheer Khan) का नाम लगभग तय माना जा रहा था। भारतीय क्रिकेट के इस महान तेज गेंदबाज का अनुभव और उनकी तकनीकी समझ किसी से छिपी नहीं है। 2011 विश्व कप जीत में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा था, जहां उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लिए थे।
जहीर (Zaheer Khan) का कोचिंग अनुभव भी काफी समृद्ध है। वह पहले से ही इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में कोचिंग भूमिका निभा चुके हैं और युवा गेंदबाजों को निखारने में उनका बड़ा हाथ रहा है। लेकिन गौतम गंभीर, जो अब टीम इंडिया के मुख्य कोच हैं, ने अपनी पसंद को प्राथमिकता दी और मॉर्ने मॉर्केल को यह जिम्मेदारी सौंप दी।
गौतम गंभीर का पक्षपात
गौतम गंभीर पर आरोप है कि उन्होंने मॉर्ने मॉर्केल को टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच के रूप में इसलिए चुना क्योंकि वह उनके कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के समय के साथी खिलाड़ी रह चुके हैं। यह पहली बार नहीं है जब गंभीर पर इस तरह के आरोप लगे हैं। उनके फैसलों से यह धारणा बनती जा रही है कि वह अपने व्यक्तिगत संबंधों को प्राथमिकता देते हैं।
भारतीय क्रिकेट फैंस का मानना है कि जहीर खान (Zaheer Khan) का अनुभव और भारतीय क्रिकेट के प्रति उनकी समझ मॉर्केल से कहीं अधिक लाभकारी साबित होती। गंभीर के इस फैसले को लेकर फैंस और विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है।
जहीर खान (Zaheer Khan) का गेंदबाजी कोच बनने का सपना अधूरा रह गया, और गौतम गंभीर का यह फैसला भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर कई सवाल खड़े कर रहा है। मॉर्ने मॉर्केल की भूमिका को लेकर अब यह देखना होगा कि वह टीम के प्रदर्शन को किस हद तक सुधार सकते हैं।