Fertilizer Production Plant: मशीन की कीमत 25 लाख रुपये है, लेकिन अगर आपके पास केवल 5 लाख रुपये हैं, तो भी आप इसे प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी योजना से बिना गारंटी लोन और सब्सिडी का लाभ मिलेगा, जिससे यह बिजनेस आइडिया आपको सफल बना सकता है।
भारत में लगभग 10 करोड़ परिवार खेती करते हैं। खेती के लिए Fertilizer सबसे महत्त्वपूर्ण है, लेकिन इसकी सप्लाई काफी कम है। किसानों की डिमांड बहुत अधिक है, लेकिन उन्हें फर्टिलाइजर (Fertilizer) नहीं मिल पाता। ऐसे में अगर आप फर्टिलाइजर (Fertilizer) का उत्पादन शुरू करते हैं, तो आप बड़ी कमाई कर सकते हैं। पहले इस उद्योग में करोड़ों का निवेश करना पड़ता था, पर अब आप केवल 25 लाख में अपना प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। यह सुनहरा मौका है!
सब्सिडी की योजनाएँ
सरकार चाहती है कि लोग अपने देश में अधिक उत्पादन करें, जिससे फर्टिलाइज़र का आयात न करना पड़े। इसी कारण, Fertilizer Production Plant के लिए बिना गारंटर लोन और सब्सिडी की योजनाएँ हैं। इस अवसर का लाभ उठाकर, आप प्रोडक्शन से पहले ही फर्टिलाइज़र की बुकिंग कर सकते हैं।
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इसके लिए आपको तीन मशीनों की आवश्यकता होगी:
यह मशीन उर्वरक को दानों में बदलने के लिए प्रयोग होती है। छोटी मशीनों की कीमत 10 लाख रुपये से शुरू होती है, जबकि बड़ी और स्वचालित मशीनों की कीमत 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो सकती है।
यह मशीन उर्वरक को मिलाने के लिए प्रयोग होती है। छोटी मशीनें 5 लाख रुपये से शुरू होती हैं, जबकि बड़ी मशीनें 20 लाख रुपये या ज्यादा की होती हैं।
यह मशीन तैयार उर्वरक को बैग या कंटेनर में भरने के लिए इस्तेमाल होती है। छोटी मशीनों की कीमत 5 लाख रुपये से शुरू होती है, जबकि बड़ी और स्वचालित मशीनें 30 लाख रुपये या उससे अधिक की होती हैं।
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कॉलेज के छात्र और प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवार, अगले एक साल में अपने करियर की शुरुआत करने वाले हैं। अगर आप पढ़ाई के साथ इस प्रोजेक्ट की स्टडी करते हैं, मशीनों की जानकारी लेते हैं और मार्केट की डिमांड का अनुमान लगाते हैं, तो आपकी कमाई भले ही अभी नहीं होगी, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग शुरू करते ही सफलता की ओर बढ़ेंगे।
कुछ इंडस्ट्री में महिलाएं कम हैं, जबकि कई में उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत की है। खेती एक ऐसा क्षेत्र है, जहां महिलाएं हजारों सालों से पुरुषों के साथ काम कर रही हैं। आपको बस प्रबंधन करना है, बाकी काम स्टाफ करेगा।
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी यदि इस बिजनेस आइडिया में निवेश करते हैं, तो उन्हें अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना है। मार्केट में डिमांड और सप्लाई के आंकड़े आसानी से मिलते हैं, जिससे आपको निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि यूनिट शुरू करनी चाहिए या नहीं।
भारत में उर्वरकों पर 5% जीएसटी लगता है, जबकि स्थानीय इकाइयों को लगभग 10% नेट लाभ होता है। अधिक मात्रा के कारण कुल कमाई बढ़ती है, और समय के साथ उत्पादन लागत घटने से कर के बाद लाभ भी बढ़ता है।
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