राउल्ट का नियम की सीमाएं तथा अनुप्रयोग, सूत्र | Raoult’s law class 12 in Hindi

निश्चित ताप पर किसी द्रव की सतह पर उसकी वाष्प द्वारा लगाए गए दाब को वाष्पदाब कहते हैं। अवाष्पशील अशुद्धियों के लिए प्रस्तुत राउल्ट का नियम की चर्चा करते हैं।

राउल्ट का नियम

फ्रांसीसी रसायनज्ञ राउल्ट ने अनेक द्विक विलयनों के वाष्प दाब का अध्ययन किया एवं अपने प्रयोग के आधार पर एक महत्वपूर्ण नियम का प्रतिपादन किया, जैसे राउल्ट का नियम (Raoult’s law in Hindi) कहते हैं। इस नियम के अनुसार,
वाष्पशील द्रवो के एक विलयन में प्रत्येक घटक का आंशिक दाब उस घटक के विलयन में मोल प्रभाज के समानुपाती होता है।

माना विलयन में दो वाष्पशील अवयव A एवं B है। इनके विलयन में आंशिक दाब क्रमशः PA एवं PB हैं तथा इनके मोल प्रभाज XA और XB है तो
राउल्ट के नियम के अनुसार अवयव A के लिए
PA ∝ XA
PA = PoA XA …..समी.(1)
इसी प्रकार अवयव B के लिए
PB ∝ XB
PB = PoB XB …..समी.(2)
जहां PoA एवं PoB वाष्पशील अवयव A एवं B के शुद्ध अवस्था में वाष्प दाब हैं।
विलयन का वाष्प दाब P = PA + PB
समी.(1) व समी.(2) के मान रखने पर
[katex] \footnotesize \boxed { P = P_A^o X_A + P_B^o X_B } [/katex]
इस सूत्र के प्रयोग द्वारा विलयन के कुल वाष्प दाब की गणना की जा सकती है।

अवाष्पशील विलेय पदार्थ के विलयनों के लिए राउल्ट का नियम → किसी निश्चित ताप पर एक अवाष्पशील विलेय पदार्थ युक्त विलयन का वाष्प दाब विलयन में उपस्थित विलायक के मोल प्रभाव के समानुपाती होता है।

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राउल्ट के नियम की सीमाएं

  1. राउल्ट का नियम केवल तनु विलयनों पर लागू होता है। सान्द्र विलयन इस नियम से विचलन दर्शाते हैं।
  2. राउल्ट का नियम विद्युत अपघट्यों के विलयनों पर लागू नहीं होता है। क्योंकि विद्युत अपघट्य विलयन में वियोजित होते हैं।
  3. राउल्ट का नियम अवाष्पशील विलेय पदार्थ युक्त विलयनों के लिए ही मान्य है।
  4. जो पदार्थ विलयन में संगुणित होते हैं उन पर राउल्ट का नियम लागू नहीं होता है।

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